img

8th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग को लागू हुए सात साल बीत चुके हैं और इस दौरान महंगाई ने खर्चों को काफी हद तक प्रभावित किया है। इसलिए, सरकारी कर्मचारी काफी समय से 8वें वेतन आयोग की वकालत कर रहे हैं। हाल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह लंबा इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। 7वें वेतन आयोग से 8वें वेतन आयोग में बदलाव वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के आधार पर वेतन मिलता है, जहाँ न्यूनतम मूल वेतन ₹ 18,000 है। इसकी तुलना में, 6वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम मूल वेतन ₹ 7,000 था। ये बताता है कि प्रत्येक नए वेतन आयोग के परिणामस्वरूप सरकारी कर्मचारियों के वेतन में पर्याप्त वृद्धि होती है।

8वें वेतन आयोग की शुरुआत के साथ विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 186% तक की वृद्धि हो सकती है।

न्यूनतम वेतन और पेंशन क्या हो सकती है?

नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने संकेत दिया है कि 8वां वेतन आयोग 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है। इसके अलावा पेंशनभोगियों को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। ₹9,000 की मौजूदा न्यूनतम पेंशन में 186% की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह ₹25,740 हो जाएगी। यह वृद्धि फिटमेंट फैक्टर के आसपास की गणना से जुड़ी है, जिससे वेतन और पेंशन दोनों में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है।

8वें वेतन आयोग की संभावित घोषणा
हालांकि सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग की स्थापना के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि 2025-26 के बजट में इसका खुलासा हो सकता है। इससे पहले 2024-25 के बजट को लेकर भी ऐसी ही मांग की गई थी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार इस मामले पर विचार कर रही है।
 

--Advertisement--