Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने को लेकर एक के बाद एक कड़े फैसले ले रहे हैं। पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद, अब इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। भारत को इस बढ़ी हुई दर के लिए 20 दिन की मोहलत दी गई है, जबकि 25 प्रतिशत टैरिफ आज (7 अगस्त, 2025) से लागू हो गया है। इन सबके बीच, चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी ने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में हलचल मचा दी है। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि भारत का सेमीकंडक्टर बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ क्यों
रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर पहले ही 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा चुका है। अब ट्रंप ने सेमीकंडक्टर चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा करके एक बार फिर बाजार में चिंता बढ़ा दी है। वर्तमान में, कई देश सेमीकंडक्टर उद्योग में काम कर रहे हैं। हालाँकि, भारत इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में तेजी से उभर रहा है। भारत सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र में अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है। इसलिए, ट्रंप का यह फैसला भारत के प्रयासों को झटका दे सकता है।
भारत पर क्या असर होगा
अगर राष्ट्रपति ट्रंप चिप्स पर 100 प्रतिशत कर लगाते हैं, तो इसका भारत, ताइवान, जापान और चीन पर भी गहरा असर पड़ेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार अगले पाँच सालों में 100 से 110 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है। पिछले तीन सालों में इस क्षेत्र में ज़बरदस्त वृद्धि हुई है।
2022 में, भारत का चिप बाजार लगभग 23 अरब डॉलर का था। वित्त वर्ष 2025 में, यह बढ़कर 50 अरब डॉलर से ज़्यादा हो गया है। इसकी तुलना में, अमेरिका का चिप बाजार 130 अरब डॉलर और चीन का 177.8 अरब डॉलर का था।
भारत का सेमीकंडक्टर बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन ट्रंप के इस फ़ैसले से इस वृद्धि में बाधा पड़ने की संभावना है। इसका असर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण उद्योग पर भी पड़ सकता है, क्योंकि चिप्स कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अहम हिस्सा होते हैं। इसका सीधा असर आम आदमी के रोज़गार पर पड़ेगा।
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