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Up Kiran, Digital Desk: पुरी के प्रसिद्ध 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर में अब माताएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक जगह पा सकेंगी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने शनिवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है कि मंदिर परिसर में एक स्तनपान केंद्र (breastfeeding centre) खोला जाएगा।

मांग पर प्रशासन का बड़ा कदम

SJTA के मुख्य प्रशासक अरबিন্দ पधी ने कहा कि यह सुविधा आज की सबसे बड़ी ज़रूरतों में से एक थी, क्योंकि हर रोज़ बड़ी संख्या में दूध पिलाने वाली माँएं अपने बच्चों के साथ मंदिर आती हैं। उन्होंने कहा, "दूध पर निर्भर बच्चों की ज़रूरत को देखते हुए, मंदिर परिसर में एक स्तनपान केंद्र की योजना बनाई जा रही है।"

गोपनीयता, स्वच्छता और सुरक्षा का होगा ध्यान

पधी ने बताया कि इस केंद्र को मंदिर प्रशासन के ब्रांच ऑफिस के पास स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह केंद्र माँओं और बच्चों की गोपनीयता, स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देगा। इसके अलावा, केंद्र के लिए एक विशेष महिला सहायक की भी नियुक्ति की जाएगी। लंबे समय से इस तरह की सुविधा की मांग की जा रही थी, और अब प्रशासन ने इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं।

नई पहलें और सरकारी प्रयास

यह निर्णय तब लिया गया जब हाल ही में राज्य की उप मुख्यमंत्री प्रवति परिदा ने 'ब्रेस्टफीडिंग वीक' के अवसर पर भुवनेश्वर में राज्य के पहले सार्वजनिक स्तनपान केंद्र का उद्घाटन किया था। उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और बाजारों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी ऐसे केंद्र खोले जाएंगे। परिदा ने कहा था कि राज्य सरकार का लक्ष्य स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सुरक्षित और निजी स्थान प्रदान करना है और सहायता के लिए रेलवे स्टेशनों पर महिला परिचारकों की तैनाती करना है। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ शौचालय और स्तनपान कक्षों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर भी जोर दिया था।

जगन्नाथ मंदिर में 'क्यू सिस्टम' भी लागू होगा

वहीं, राज्य सरकार ने जगन्नाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 'क्यू सिस्टम' (कतार प्रणाली) लागू करने का भी फैसला किया है।

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