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Up Kiran, Digital Desk: छोटी पूजा हो या कोई बड़ा अनुष्ठान, एक बात हमेशा समान होती है कि पूजा सामग्री बच जाती है या पूजा के बाद कई चीजें रह जाती हैं जैसे चढ़ाया गया भोग, चढ़ाए गए फूल और माला आदि। इनका पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है।

अब सवाल उठता है कि ऐसे में बची हुई सामग्री का क्या किया जाए। हालांकि जिन सामग्रियों का पुनः प्रयोग किया जा सकता है, उन्हें पूजा स्थान पर ही रख सकते हैं, मगर बाकी सामग्री का क्या करें। आइए इस बारे में विस्तार से समझें कि इससे संबंधित नियम क्या हैं। परंतु इससे पहले यह ध्यान रखें कि पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली वस्तुओं का उपयोग न करें, जैसे प्लास्टिक या नॉन-बायोडिग्रेडेबल चीजों को पूजा में शामिल न करें। सात्विक और प्राकृतिक सामग्रियां ही पूजा में उपयोग करें।

पूजा के बाद बची सामग्री का क्या करें

दीपक में बचा हुआ तेल या घी: जो घी पूजा में इस्तेमाल किया गया था और अगर वह पूरी तरह से उपयोग नहीं हुआ है, तो उसे सहेज कर रख सकते हैं। इसे अगली पूजा में फिर से उपयोग में ला सकते हैं और दीया जलाने में काम में ले सकते हैं। वहीं, तेल का उपयोग इस तरह करें कि बचें ही न। थोड़ा सा तेल रखें और उसे जलाकर समाप्त कर दें। पूजा में बचे तेल का पुनः उपयोग कहीं और करना शुभ नहीं माना जाता। पूजा के घी या तेल का उपयोग खाने में न करें।

अक्षत, हल्दी, कुमकुम: पूजा में उपयोग किए गए अक्षत, हल्दी, कुमकुम जैसे पदार्थों को, जिन्हें पुनः पूजा में नहीं रखा जा सकता, उन्हें तुलसी या पीपल के वृक्ष में अर्पित करें। इन्हें जल में प्रवाहित करना अधिक उपयुक्त रहेगा। अक्षत को पक्षियों को भी डाल सकते हैं। ध्यान रहे कि जहां डालें वहां किसी का पांव न पड़े और वह स्थान साफ हो।

पूजा में चढ़ाए गए फल और प्रसाद: जो फल और भोग भगवान को अर्पित किए गए थे, उन्हें प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें। यदि फिर भी कुछ बच जाए, तो गौ माता को खिलाएं या आस-पास के पशुओं और पक्षियों को यह भोजन दें। कभी भी खाने की सामग्री को कूड़े में न फेंकें।

पूजा में उपयोग किए गए वस्त्र:जो वस्त्र पूजा में चढ़ाए गए या उपयोग किए गए, उन्हें फिर से पूजा में काम में लिया जा सकता है। अगर यह वस्त्र पहनने योग्य हैं, तो इन्हें जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं।

पूजा में उपयोग किए गए फूल और माला: जो फूल और माला पूजा में उपयोग किए गए, उन्हें गमले की मिट्टी में दबा सकते हैं या किसी पवित्र वृक्ष की जड़ में डाल सकते हैं। इन्हें कूड़े में न फेंकें।

पूजा में उपयोग की गई बाती/रुई: जो बाती पूजा में जलाने के लिए उपयोग की गई थी, उसे तुलसी के पौधे में डाल सकते हैं या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रख सकते हैं। आप इसे किसी पवित्र स्थल की मिट्टी में भी दबा सकते हैं।