img

Up Kiran, Digital Desk: अपराध की दुनिया का एक पुराना सिद्धांत है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस कथन को एक बार फिर सही साबित कर दिया है। छेड़खानी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामलों में फरार चल रहे 35 वर्षीय अपराधी इरफान को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ से पकड़ लिया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए इरफान सात समंदर पार कतर भाग गया था, लेकिन दिल्ली पुलिस की सॉदर्न रेंज ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

जामिया नगर की वो खौ़फनाक घटना

यह पूरा मामला 29 फरवरी 2024 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से शुरू हुआ था। इरफान एक घर में किराए पर रहता था। वह न तो किराया दे रहा था और न ही कमरा खाली कर रहा था। जब मकान मालिक और उनके पति ने किराया मांगा तो इरफान ने अपने साथियों के साथ उन पर जानलेवा हमला कर दिया। उसने महिला के साथ छेड़खानी की और उनके पति को बुरी तरह पीटा। पुलिस ने आईपीसी की धारा 308 (हत्या का प्रयास) और 354 (छेड़खानी) समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया।

दिल्ली से कतर: भागने का सफर

जब पुलिस ने इरफान पर शिकंजा कसने की शुरुआत की तो उसने चालाकी से देश छोड़कर कतर भाग जाने का फैसला किया। वहाँ उसने अपनी पहचान छिपाकर एक चालक की नौकरी शुरू कर दी। उसे लगा कि विदेशों की चमचमाती दुनिया में दिल्ली पुलिस उसे भूल जाएगी। इस दौरान दिल्ली की अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

ऑपरेशन हापुड़: रूप बदलकर पकड़ा गया अपराधी

जैसे ही क्राइम ब्रांच को यह सूचना मिली कि इरफान कतर से वापस आ चुका है और हापुड़ में छिपा है, डीसीपी आदित्य गौतम के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने हापुड़ में डेरा डाल दिया और स्थानीय खुफिया जानकारी तथा तकनीकी निगरानी का उपयोग किया। पुलिसकर्मियों ने पहचान छिपाकर 15 दिनों तक इरफान की हर गतिविधि पर निगाह रखी। जब पुख्ता स्थान मिल गया तो घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया गया।

पुलिस का सख्त संदेश

पूछताछ के दौरान इरफान ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसने बताया कि उसे लगा था कि दो साल बाद मामला ठंडा हो गया होगा, लेकिन कानून की फाइल कभी बंद नहीं होती। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि अपराधी चाहे कहीं भी छिप जाए, उसे खोज निकाला जाएगा। इस गिरफ्तारी से पीड़ित दंपत्ति ने आखिरकार दो साल बाद राहत की सांस ली है।