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उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले से एक बेहद दर्दनाक और शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक युवती के साथ उसके मंगेतर के सामने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। यह घटना उस समय हुई जब पीड़िता अपने मंगेतर के साथ राशन कार्ड में सुधार के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय (डीएसओ ऑफिस) गई थी। गर्मी से राहत पाने के लिए दोनों एक नहर के किनारे पेड़ की छांव में बैठ गए थे, तभी कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया और दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया।

हमले की पूरी वारदात: मंगेतर को पीटा, फिर पीड़िता से गैंगरेप

घटना के अनुसार, आरोपियों ने सबसे पहले पीड़िता के मंगेतर के साथ मारपीट की और उससे पैसे छीन लिए। इसके बाद मंगेतर के सामने ही पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यही नहीं, आरोपियों ने इस घिनौनी हरकत का वीडियो भी बनाया और पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी। वे 50 हजार रुपये की मांग करने लगे। मौके पर पीड़िता से 5 हजार रुपये की यूपीआई पेमेंट भी करवाई गई।

घटना के बाद जब पीड़िता अपने घर पहुंची, तो वह काफी डरी-सहमी रही। परिजनों ने जब उसके गुमसुम रहने का कारण पूछा, तो यह पूरी वारदात सामने आई। इसके बाद परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस की कार्रवाई: आठ आरोपी गिरफ्तार, दो की तलाश जारी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सीओ सिटी और सदर कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया। शाम होते-होते यह संख्या आठ हो गई। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हालांकि दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

इन युवकों पर लगा है गैंगरेप का आरोप

पुलिस ने जिन आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम और पते निम्नलिखित हैं:

अखिलेश प्रताप सिंह उर्फ गब्बर, निवासी गढ़ी अड्डा दुर्गा कॉलोनी, कासगंज

अमित कुमार, निवासी मिर्जा तयैबपुर कोठी, थाना ढोलना

सोनू उर्फ सत्यपाल, निवासी हिम्मतपुर सई

अजय कुमार, निवासी नगला बीच, थाना ढोलना

रिंकू, निवासी हिम्मतपुर सई

सौरभ, निवासी कोठरा, थाना ढोलना

बृजेश कुमार, निवासी नगला थान

सोनू कुमार, निवासी हिम्मतपुर सई

सभी आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है और जेल भेजा गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस विशेष निगरानी में जांच कर रही है।

परिवार है सदमे में

घटना के बाद से पीड़िता का परिवार गहरे सदमे में है। परिजन किसी से बातचीत करने की स्थिति में नहीं हैं और पूरा परिवार डरा-सहमा है। प्रशासन की ओर से पीड़िता को मेडिकल सुविधा और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।