Up kiran,Digital Desk : "मेरे बेटे ने मरने के बाद भी अपने परिवार की इज्जत रख ली..." यह कहते हुए 61 साल के गिरधरभाई की आवाज भर आती है. उनके बेटे महेश ने कुछ हफ्ते पहले ही उनसे वादा किया था कि वह जल्द ही घर का सारा कर्ज चुका देगा और एक नया घर खरीदेगा. बेटा तो अपना वादा पूरा नहीं देख सका, लेकिन उसकी मौत के बाद मिले मुआवजे ने उसके सपने को हकीकत में बदल दिया.
यह कहानी है अहमदाबाद के उस भयानक विमान हादसे की, जिसने कई परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया. इसी हादसे में महेश जीरावाला नाम के एक नौजवान फिल्म मेकर की भी जान चली गई थी.
पिता को दिया था एक वादा
हादसे से कुछ ही हफ्ते पहले महेश के पिता गिरधरभाई को दिल का दौरा पड़ा था. डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी. घर पर करीब 15 लाख का कर्ज था. ऐसे में महेश ने अपने पिता से कहा था, "पापा, आप अब नौकरी छोड़ दो. मैं जल्द ही अच्छा पैसा कमाऊंगा और हमारा सारा कर्ज चुकाकर एक नया घर भी खरीदूंगा."
लेकिन किसे पता था कि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 12 जून को एयर इंडिया का वह विमान क्रैश हो गया, जिसमें महेश भी सवार थे. इस हादसे में महेश समेत 260 लोगों की जान चली गई. महेश की तो तीन महीने पहले ही शादी हुई थी.
मौत के बाद बेटे ने चुकाया कर्ज
इस दर्दनाक हादसे के बाद, एयर इंडिया, टाटा समूह और गुजरात सरकार की तरफ से महेश के परिवार को कुल 1.29 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला. परिवार ने इस पैसे से सबसे पहले वही किया, जो महेश करना चाहता था.
गिरधरभाई बताते हैं कि कुल पैसों में से 54 लाख रुपये महेश की पत्नी हेतल लेकर अपने मायके चली गईं. बचे हुए 75 लाख रुपये में से उन्होंने सबसे पहले 15 लाख का कर्ज चुकाया. फिर 45 लाख रुपये में एक नया घर खरीदा और 10 लाख रुपये फर्नीचर पर खर्च किए.
महेश अपने छोटे भाई कार्तिक की बेटी को गोद भी लेना चाहता था. इसलिए परिवार ने 5 लाख रुपये उस पोती के नाम से भी रख दिए हैं.
आज परिवार के पास पैसे तो नहीं बचे हैं, और घर का गुजारा छोटे बेटे कार्तिक की 20,000 रुपये की कमाई से चल रहा है, लेकिन गिरधरभाई को इस बात का सुकून है कि उनके बेटे ने जाते-जाते भी अपना किया हुआ वादा पूरा कर दिय
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