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Up Kiran, Digital Desk: भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से संबंध बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगभग 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इससे अमेरिका को भारत के निर्यात पर भारी असर पड़ने की आशंका है। हालाँकि, अब भारत ने ट्रंप के टैरिफ का रामबाण इलाज ढूंढ लिया है।
साथ ही भारत का पुराना दोस्त रूस एक बार फिर भारत के लिए ढाल बनकर उभरा है। भारत और रूस के नेतृत्व वाले यूरेशिया ब्लॉक के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत फिर से शुरू हो गई है। इसके लिए भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ ने बुधवार को मॉस्को में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने के लिए नियमों और शर्तों पर हस्ताक्षर किए। ये कदम भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय रूस की यात्रा पर हैं। इस दौरान इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
EAEU में आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य और रूस शामिल हैं। भारत वर्तमान में नए बाजारों में विविधता ला रहा है और प्रमुख व्यापारिक हिस्सेदारों के साथ कई व्यापार समझौते कर रहा है। भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह यूरोपीय संघ के साथ भी बातचीत कर रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच तनाव के बीच भारत वैश्विक बाज़ार में नए अवसरों की तलाश कर रहा है। वह अपने पुराने मित्र रूस के साथ आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। रूस, यूरोपीय संघ (EAEU) में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इस समूह के साथ भारत के कुल व्यापार का 92 प्रतिशत अकेले रूस के साथ है।
इस समझौते की शर्तों पर वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अजय भादू और यूरेशियन आर्थिक आयोग के व्यापार नीति विभाग के उप निदेशक मिखाइल चेरेकेव ने हस्ताक्षर किए। भादू ने यूरोपीय संघ (EU) के व्यापार प्रभारी मंत्री आंद्रेई स्लेपनेव के साथ भी बातचीत की। दोनों ने भारत और यूरोपीय संघ (EAEU) के बीच बढ़ते व्यापार पर चर्चा की। यह लगभग 69 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।
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