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Up kiran,Digital Desk : बुधवार की देर रात बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) का शांत माहौल अचानक जंग के मैदान में तब्दील हो गया। छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच एक छोटी सी बहस ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि कैंपस में करीब तीन घंटे तक सिर्फ चीख-पुकार, पत्थरबाजी और लाठियों की आवाजें गूंजती रहीं। यह बवाल इतना बड़ा था कि इसमें 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए और हालात संभालने के लिए PAC बुलानी पड़ी।

चारों तरफ बस तबाही का मंजर

  • सड़कें बनीं रणक्षेत्र: करीब आधे किलोमीटर के दायरे में सड़कें ईंट-पत्थरों से पटी पड़ी थीं।
  • गुस्से का निशाना बने गमले-गाड़ियां: एलडी गेस्ट हाउस के पास चौराहे पर रखे 10 से ज़्यादा सजावटी गमले चकनाचूर कर दिए गए, गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और कुर्सियां तोड़ दी गईं।
  • 'वणक्कम काशी' के पोस्टर फाड़े: कैंपस में चल रहे 'तमिल संगमम' कार्यक्रम के लिए लगे 'वणक्कम काशी' के बड़े-बड़े पोस्टर भी छात्रों के गुस्से का शिकार हो गए और उन्हें फाड़ दिया गया।

इस पूरी पत्थरबाजी और मारपीट में 50 से ज़्यादा छात्र, 40 सुरक्षाकर्मी और 10 से ज़्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ छात्रों को सिर में गंभीर चोटें आईं, जिन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा।

बवाल की वजह क्या? दो गुट, दो अलग-अलग कहानियाँ

  1. छात्रों की कहानी: छात्रों का कहना है कि राजाराम हॉस्टल के पास एक गाड़ी वाले ने एक छात्रा को टक्कर मार दी। जब कुछ छात्र इसकी शिकायत करने सुरक्षाकर्मियों के पास पहुँचे, तो गार्ड्स ने मदद करने के बजाय उन्हीं से बहस करनी शुरू कर दी।
  2. प्रॉक्टर ऑफिस की कहानी: वहीं, प्रॉक्टर ऑफिस की कहानी कुछ और ही है। उनके मुताबिक, कुछ नकाबपोश छात्र एक दूसरे लड़के को घेरकर पीट रहे थे। जब सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव किया और उन छात्रों को पकड़कर प्रॉक्टर ऑफिस ले गए, तो हॉस्टल से सैकड़ों छात्र आ गए और उन्होंने गार्ड्स पर ही हमला कर दिया।

कैसे बिगड़ते चले गए हालात?

शुरुआती झड़प के बाद मामला तब और बिगड़ गया, जब घायल छात्रों के लिए "न्याय" की मांग को लेकर सैकड़ों छात्र हॉस्टल से निकलकर कुलपति (VC) आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। यहीं पर विवाद इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई और पूरा कैंपस एक जंग के मैदान में तब्दील हो गया।

हालात को काबू से बाहर होता देख तीन थानों की पुलिस और चार ट्रक PAC को कैंपस में बुलाया गया, जिन्होंने छात्रों को खदेड़कर वापस हॉस्टल में भेजा।

चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिव प्रकाश सिंह का कहना है कि अभी तक किसी भी तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन कैंपस में लगे CCTV फुटेज के आधार पर सबूत जुटाए जा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।