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Up Kiran Digital Desk: रूस के पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप में आज (30 जुलाई) एक शक्तिशाली भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.8 मापी गई और इसकी गहराई 19.3 किलोमीटर दर्ज की गई। भूकंप के झटके इतने तेज़ थे कि लोग अपने कीमती सामान की परवाह किए बिना जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे। प्रारंभिक जानकारी में एक किंडरगार्टन स्कूल को भी नुकसान पहुँचने की बात सामने आई है। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद, पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है।

सुनामी का खतरा: देश अलर्ट पर

इस शक्तिशाली भूकंप ने न केवल रूस, बल्कि दुनिया भर के कई देशों को अलर्ट पर डाल दिया है। रूस, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई और अलास्का), कनाडा (ब्रिटिश कोलंबिया), न्यूज़ीलैंड, चीन, इंडोनेशिया, ताइवान, फिलीपींस, पेरू, मैक्सिको और इक्वाडोर जैसे देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।

जापान के होक्काइडो द्वीप पर नेमुरो के तट पर 30 सेंटीमीटर तक ऊँची लहरें उठने की खबर है। इसी समय, ऐसी खबरें आई हैं कि पहली सुनामी लहर रूस के कुरील द्वीप समूह तक भी पहुँच गई है। जापान ने तुरंत 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है, और अपने फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर क्षेत्र से भी लोगों को निकाला है।

कामचटका: भूकंपों का घर

कामचटका रूस के सुदूर पूर्व में एक विशाल, जंगली, पहाड़ी और ज्वालामुखी प्रायद्वीप है। यह लगभग 1,200 किलोमीटर लंबा और 480 किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की जलवायु उप-आर्कटिक है, जिसमें लंबी और बर्फीली सर्दियाँ और बहुत छोटी और ठंडी गर्मियाँ होती हैं। यहाँ दो प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएँ और कई नदियाँ हैं, जिनमें कामचटका नदी सबसे महत्वपूर्ण है। यहाँ टुंड्रा से लेकर घने जंगलों तक, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।

कामचटका प्रायद्वीप भौगोलिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। यह क्षेत्र प्रशांत प्लेट और उत्तरी अमेरिकी प्लेट के सबडक्शन ज़ोन (जहाँ एक प्लेट दूसरी के नीचे खिसकती है) पर स्थित है। इस कारण यह भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए प्रवण है। कामचटका प्रशांत महासागर को घेरे हुए 'रिंग ऑफ फायर' का हिस्सा है और दुनिया के 75% से ज़्यादा ज्वालामुखियों और 90% भूकंपों का घर है। इसलिए कामचटका को भूकंपों का घर कहा जाता है।

इतिहास गवाह है

कामचटका में पहले भी बड़े भूकंप आ चुके हैं। 4 नवंबर, 1952 को यहाँ 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे हवाई में लगभग 30 फीट ऊँची सुनामी लहरें उठी थीं। सौभाग्य से, उस समय कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई थी। जुलाई 2025 में, इस क्षेत्र में पाँच बड़े भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 थी।

सरकारी एजेंसियाँ वर्तमान में स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही हैं। लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। हालाँकि अभी तक किसी बड़ी सुनामी या जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इस घटना ने प्रशांत तट से सटे देशों में दहशत फैला दी है।

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