Up kiran,Digital Desk : दक्षिण अफ्रीका से एक बेहद दुखद ख़बर आ रही है। डरबन शहर के पास एक मंदिर बनाया जा रहा था, जो शुक्रवार को अचानक ढह गया। इस हादसे में दो लोगों की जान चली गई और कई लोगों के अब भी मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। बचाव टीमें लगातार लोगों को निकालने की कोशिश में जुटी हैं।
कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?
यह मंदिर चार मंज़िला बन रहा था। बताया जा रहा है कि जब मज़दूर छत डालने के लिए कंक्रीट का एक बड़ा हिस्सा ऊपर रख रहे थे, तभी पूरा ढाँचा भार नहीं सह पाया और ताश के पत्तों की तरह ढह गया। इस हादसे में एक मज़दूर की मौके पर ही मौत हो गई।
लेकिन यह हादसा एक और परिवार के लिए भी मातम लेकर आया। एक 54 साल के व्यक्ति अपने परिवार के साथ मंदिर देखने आए थे। जैसे ही उन्होंने मंदिर गिरने की ख़बर सुनी, उन्हें ऐसा सदमा लगा कि दिल का दौरा पड़ गया और उनकी जान चली गई।
प्रशासन ने बताई चौंकाने वाली बात
इस हादसे के बाद एक और बड़ी बात सामने आई है। वहाँ की स्थानीय नगरपालिका का कहना है कि इस मंदिर को बनाने के लिए कोई नक्शा पास ही नहीं कराया गया था। यानी यह पूरा निर्माण गैर-कानूनी तरीक़े से चल रहा था।
क्या ख़ास था इस मंदिर में?
इस मंदिर का नाम 'अहोबिलम टेम्पल ऑफ प्रोटेक्शन' रखा गया था और इसे एक गुफ़ा की तरह बनाया जा रहा था। इसके लिए भारत से ख़ास पत्थर मँगवाए गए थे। बनाने वाले परिवार का सपना था कि जब यह मंदिर पूरा हो जाएगा, तो इसमें भगवान नरसिंहदेव की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की जाएगी। पिछले दो सालों से इस पर काम चल रहा था, लेकिन अब यह सपना एक दर्दनाक हादसे में बदल गया है।
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