_968673475.png)
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली में निरंतर हो रही तेज़ बारिश एक और जानलेवा मोड़ ले चुकी है। बीती दोपहर निजामुद्दीन इलाके में हुमायूं के मकबरे के निकट स्थित पत्ते शाह की दरगाह में दर्दनाक हादसा हो गया। बारिश की वजह से दरगाह परिसर में मौजूद दो कमरों की छत और दीवार अचानक गिर गई, जिसमें 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।
वक़्त का कहर या लापरवाही का नतीजा?
हादसे के समय मौलवी लोगों को तावीज़ दे रहे थे, जबकि बाहर बारिश का पानी लगातार ज़मीन को कमजोर कर रहा था। जैसे ही कमरों की छत और दीवारें ढहीं, अंदर मौजूद लगभग 10 लोग मलबे में दब गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई।
स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से राहत कार्य तुरंत शुरू हुआ। घायलों को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनमें से 6 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। चार अन्य अभी एम्स ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल में भर्ती हैं।
क्यों हुआ हादसा? क्या सामने आईं वजहें?
दरगाह के पीछे एक बड़ा गड्ढा कई दिनों से बारिश के पानी से भरता जा रहा था। मिट्टी की दीवारें कमजोर होती रहीं, और आखिरकार शुक्रवार को ढह गईं। यही पानी नींव को भी खोखला कर चुका था।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसे में जिनकी जान गई उनमें 56 वर्षीय मीना अरोड़ा, 24 वर्षीय मोनुष्का अरोड़ा, 40 वर्षीय अनीता सैनी, 35 वर्षीय मोइनुद्दीन, 79 वर्षीय स्वरूप चंद और एक व्यक्ति आरिफ शामिल हैं। शमीम, आर्यन, रशद परवीन, गुड़िया परवीन और रानी नाम के घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में जारी है।
50 साल पुरानी दीवारें, मरम्मत पर रोक और भारी भीड़ बनी मौत का कारण
पत्ते शाह की दरगाह के भीतर मौलवी के लिए बनाए गए कमरे लगभग पांच दशक पुराने बताए जा रहे हैं। ये कच्ची ईंट और मिट्टी से बने थे। करीब 25 साल पहले इनमें मरम्मत की कोशिश की गई थी, लेकिन ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने अनुमति नहीं दी, क्योंकि यह संरक्षित स्मारक क्षेत्र में आता है।
शुक्रवार होने के कारण, दरगाह में भीड़ भी सामान्य से कहीं अधिक थी। लोग मन्नत और तावीज़ लेने आए थे। लगातार बारिश और भीड़ का दबाव मिलकर उस कमजोर इमारत पर भारी पड़ गया।
जांच शुरू, सीसीटीवी जब्त, संचालक हिरासत में
दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस उपायुक्त एसके जैन के अनुसार, दरगाह के प्रबंधक से पूछताछ शुरू कर दी गई है और घटनास्थल के CCTV फुटेज भी कब्जे में ले लिए गए हैं। ज़िला प्रशासन के मुताबिक, जिस हिस्से में हादसा हुआ वह अवैध निर्माण भी हो सकता है। अगर जांच में पुष्टि होती है तो कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
सिर्फ एक हादसा नहीं, राजधानी में एक हफ्ते में 16 मौतें
दिल्ली में पिछले सात दिनों से जारी भारी बारिश अब तक 16 लोगों की जान ले चुकी है। इससे पहले जैतपुर में समाधि स्थल की दीवार ढहने से 7 लोग मारे गए थे। कालकाजी में पेड़ गिरने से एक बाइक सवार की जान गई थी, जबकि वसंत विहार में गिरी दीवार ने दो बच्चों की जान ले ली। निजामुद्दीन का हादसा इस भयावह सिलसिले की एक और कड़ी बन गया है।