Up kiran,Digital Desk : चीन ने भारत के सौर ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्रों में अपनाए जा रहे समर्थन उपायों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है। बीजिंग का आरोप है कि भारत द्वारा कुछ तकनीकी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ और आयात शुल्क, साथ ही घरेलू उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने वाले उपाय, चीनी वस्तुओं के साथ भेदभाव करते हैं।
WTO के अनुसार, चीन ने भारत के साथ परामर्श की मांग की है ताकि इस विवाद को सुलझाया जा सके। चीन का कहना है कि भारत की ये नीतियां सोलर सेल, सोलर मॉड्यूल और आईटी उत्पादों के व्यापार को प्रभावित कर रही हैं। चीन विशेष रूप से उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना और उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए भारत द्वारा निर्धारित स्थानीय मूल्यवर्धन की शर्तों पर सवाल उठा रहा है।
भारत ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए यह कदम उठाया है। WTO नियमों के अनुसार, विवाद निपटान प्रक्रिया का पहला चरण परामर्श लेना है। यदि इस परामर्श से समाधान नहीं निकलता, तो मामला पैनल समीक्षा के लिए भेजा जा सकता है।
व्यापारिक आंकड़ों के मुताबिक, चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का चीन को निर्यात 14.25 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष 16.66 अरब अमेरिकी डॉलर था। वहीं आयात 113.45 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया, जिससे भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
यह विवाद भारत-चीन व्यापार और वैश्विक सौर और आईटी बाजार पर असर डाल सकता है, और इसके समाधान पर दोनों देशों की नीतियों और WTO प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही है।




