
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक बार फिर चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 'विस्तारित हाथ' (extended arm) या 'बी टीम' की तरह काम कर रहा है, जो उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
क्या हैं अभिषेक बनर्जी के आरोप?
अभिषेक बनर्जी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। उनके आरोपों का मुख्य बिंदु यह है कि चुनाव आयोग BJP के फायदे के लिए काम कर रहा है और विपक्ष के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। उनके आरोपों में अक्सर ये बातें शामिल होती हैं:
पक्षपातपूर्ण निर्णय: ECI के कुछ फैसले BJP के पक्ष में जाते हुए दिखते हैं।
सरकारी दबाव: चुनाव आयोग सरकार के दबाव में काम कर रहा है।
समान अवसर नहीं: सभी पार्टियों को चुनाव में समान अवसर नहीं मिल रहे हैं।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल भारतीय संविधान के तहत चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था है, जिसकी ज़िम्मेदारी देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है। उस पर इस तरह के आरोप लगना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
टीएमसी और बीजेपी की खींचतान यह पहली बार नहीं है जब टीएमसी ने चुनाव आयोग पर ऐसे आरोप लगाए हों। बंगाल चुनावों के दौरान भी टीएमसी और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी, और टीएमसी ने कई बार चुनाव आयोग के फैसलों पर सवाल उठाए थे। बीजेपी इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है और टीएमसी पर 'हार के बहाने' ढूंढने का आरोप लगाती है।
आगे क्या? अभिषेक बनर्जी के इन आरोपों से राजनीतिक माहौल और गरमा सकता है। यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है या क्या सफाई देता है। ऐसे आरोप लोकतंत्र में चुनाव संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सीधा असर डालते हैं, इसलिए यह मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है।
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