Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में तेलंगाना की सियासत में कांग्रेस पार्टी का 'वोट चोर, गद्दी छोड़' अभियान 23 दिन के लंबे सफर के बाद पूरा हुआ. इस अभियान का मकसद भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार के कथित कुशासन और विधानसभा चुनावों में हुई धांधलियों को उजागर करना था. इस अभियान के खत्म होने पर, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर पार्टी कार्यालयों और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (CLP) के दफ्तरों में जोश और उत्साह के साथ ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए.
इस मौके पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने खैराताबाद सर्किल में मुख्य ध्वजारोहण समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने पिछली बीआरएस सरकार पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरएस ने विधानसभा चुनाव में वोटों में हेरफेर करने की कोशिश की थी. उन्होंने ये भी याद दिलाया कि किस तरह सोनिया गांधी ने तेलंगाना राज्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. रेवंत रेड्डी ने दावा किया कि कांग्रेस को 65.5% वोट मिले, जबकि बीआरएस को बहुत कम वोट मिले. उन्होंने कहा कि इस जनादेश के बाद बीआरएस के पास अब नैतिक रूप से बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
यह अभियान न सिर्फ कांग्रेस की विधानसभा चुनाव जीत का जश्न था, बल्कि यह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम भी था. इससे आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की कोशिश की गई. रेवंत रेड्डी ने प्रतीकात्मक रूप से कांग्रेस का वह पुराना झंडा हटाया, जिसे कई साल पहले मार्री शशिधर रेड्डी ने फहराया था और उसकी जगह नया झंडा फहराया, जो कांग्रेस के नए दौर और नई ऊर्जा का प्रतीक था. यह दिखाता है कि तेलंगाना में कांग्रेस अपनी पकड़ और मजबूत करने और जनता के मुद्दों पर लगातार आवाज उठाने को लेकर कितनी गंभीर है.
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