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हमारी जिंदगी में कई लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ काम के लिए होते हैं। वे केवल आवश्यक पहचान रखना चाहते हैं। इनमें से कई लोग दूसरों की पीड़ा को समझने वाले और उन्हें कुछ मदद या आराम देने वाले होते हैं।

कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो कभी दूसरों के दुख को नहीं समझ सकते। ऐसे लोग हमेशा अपना हित सोचते हैं। ऐसे लोग स्वभाव से स्वार्थी होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार समाज में कई ऐसे लोग हैं जो दूसरों की पीड़ा को नहीं समझते या कोई सहानुभूति नहीं दिखाते। क्या आप जानते हैं चाणक्य के अनुसार कौन हैं ये लोग?

पहला शख्स

चाणक्य के अनुसार जो लोग नशे के आदी होते हैं उन्हें किसी की परवाह नहीं होती, उन्हें दूसरों के सुख-दुख की परवाह नहीं होती। आचार्य कहते हैं कि लगातार नशे के कारण दुनिया से संपर्क टूट जाता है। नशे की लत के कारण उनके होश भी उड़ जाते हैं और वे दूसरों की पीड़ा को समझ नहीं पाते।

दूसरा शख्स

आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ लोग हमेशा केवल अपने बारे में ही सोचते हैं। ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं। ऐसे लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। ये लोग अपने स्वार्थ के आगे दूसरों के दुख की परवाह नहीं करते। ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहें और उन्हें अपने करीब न आने दें। वे अपने स्वार्थ के सिवा किसी के बारे में नहीं सोचते।

 

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