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चंद्रयान थ्री की सफल लैंडिंग के बाद इसरो सूरज की शोध करने की तैयारी में है। इसके लिए आज 11:50 बजे पर पीएसएलवी एक्सएल रॉकेट के जरिये श्रीहरिकोटा से आदित्य एल 1 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा।

आदित्य सूरज की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के चार महीने बाद लैंग्वेंज पॉइंट एक तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है। 

L1 का नाम इतालवी फ्रेंच ब्यूटीशियन जोसेफ पी लुई लैग्वेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में एलवन नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पौण्ड धरती और सूर्य के बीच है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रीफ्यूज गूगल फोर्स बनाता है।

ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लेग रेज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। आदित यान को सूर्य और पृथ्वी के बीच हैलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। 

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