
कोलंबो से मिली एक बड़ी खबर के मुताबिक, श्रीलंका सरकार ने लगभग 16 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भगवान बुद्ध के पवित्र दंत अवशेषों को पहली बार आम जनता के लिए दर्शन हेतु कैंडी शहर में प्रदर्शित किया गया है। यह आयोजन श्रीलंका के केंद्रीय शहर कैंडी में शुक्रवार से शुरू हुआ और पूरे 10 दिनों तक चलेगा, यानी 27 अप्रैल तक श्रद्धालु इस विशेष आयोजन में भाग ले सकेंगे।
इस बारे में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि आम लोग प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक दंत अवशेषों के दर्शन कर सकते हैं। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भी विशेष सहभागिता सुनिश्चित की गई है। भारत समेत 17 देशों के राजदूतों के लिए विशेष व्यवस्था के तहत ट्रेन द्वारा कैंडी तक यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे भी इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें।
श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ जुटने की संभावना
सरकार और स्थानीय धार्मिक संस्थाओं को इस आयोजन में भारी श्रद्धालु सहभागिता की उम्मीद है। कैंडी स्थित पवित्र दंत मंदिर के वरिष्ठ भिक्षु महावेला रत्नपाल ने जानकारी दी कि हजारों की संख्या में बौद्ध श्रद्धालु भगवान बुद्ध के इस पवित्र दंत अवशेष के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु दो दिन पहले से ही मंदिर पहुंचने वाले तीनों प्रमुख मार्गों पर कतार में खड़े हैं।
भगवान बुद्ध का यह पवित्र अवशेष श्रीलंका के बौद्ध बहुल समाज के लिए न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। श्रीलंका की कुल आबादी का लगभग 74 प्रतिशत हिस्सा सिंहली बौद्ध समुदाय से आता है और उनके लिए यह अवशेष एक गहरे आस्था का प्रतीक है।
ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, यह पवित्र दंत अवशेष 1590 ईस्वी में कैंडी लाया गया था और तभी से यह यहां स्थित दंत मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। अब जब इसे वर्षों बाद फिर से आम जनता के लिए प्रदर्शित किया गया है, तो यह आयोजन श्रीलंका के धार्मिक परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर के पुनर्स्मरण का एक अनुपम अवसर बन गया है।
--Advertisement--