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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के रोमांचक सफर में एक बार फिर से इंग्लैंड और भारत के बीच जारी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मैच दर्शकों के लिए यादगार साबित हो रहा है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले जा रहे इस मुकाबले के तीसरे दिन इंग्लैंड ने अपनी मजबूत बल्लेबाजी से भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को चुनौती दी और मैच में अपनी बढ़त बनाए रखी।

तीसरे दिन की समाप्ति तक इंग्लैंड ने पहली पारी में 544 रन बनाए हैं और उनके सात विकेट गिर चुके हैं। बेन स्टोक्स, जो कप्तान भी हैं, ने न केवल गेंदबाजी में अपनी छाप छोड़ी बल्कि बल्लेबाजी में भी अपनी शानदार काबिलियत का परिचय दिया। स्टोक्स ने पाँच विकेट हासिल किए, जो भारतीय टीम की पहली पारी के दौरान सबसे अधिक है। साथ ही, वह बल्लेबाजी करते हुए 77* रन पर अडिग खड़े हैं, जिससे इंग्लैंड 600 के आंकड़े को छूने के करीब है। उनके साथ लियाम डॉसन 21* रन बना रहे हैं।

यह प्रदर्शन इतिहास में भी खास महत्व रखता है क्योंकि 89 वर्षों में पहली बार किसी इंग्लैंड के कप्तान ने एक ही टेस्ट मैच में पाँच विकेट लेकर और साथ ही 50 से अधिक रन बनाकर यह कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे पहले 1905 में स्टेनली जैक्सन और 1936 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुब्बी एलन ने ऐसा किया था। बेन स्टोक्स ने इस प्रतिष्ठित सूची में अपना नाम शामिल कर क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित कर दिया है।

भारतीय टीम के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण साबित होगा क्योंकि उन्हें इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जल्द से जल्द पवेलियन भेजना होगा। फिलहाल वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट झटके हैं, वहीं जसप्रीत बुमराह, अंशुल कंबोज और मोहम्मद सिराज ने एक-एक विकेट लेकर टीम को संभालने की कोशिश की है। भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को चौथे दिन बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा, ताकि इंग्लैंड की मजबूत स्थिति पर अंकुश लगाया जा सके।

इस टेस्ट मैच के तीसरे दिन बेन स्टोक्स की दोहरी भूमिका—एक धाकड़ कप्तान के रूप में गेंदबाजी और जिम्मेदार बल्लेबाज के रूप में—ने पूरी टीम को मजबूती दी है। अब मुकाबला चौथे दिन और अधिक दिलचस्प होने वाला है, जहां भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड की पारी को जल्द समाप्त करने की रणनीति बनाएंगे। वहीं, मेहमान टीम 600 रन के पार जाकर अपनी बढ़त को और मजबूत करना चाहेगी।