
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी पकड़ बनाने की तैयारी में जुट गई है। लोकसभा चुनावों में आठ सीटों पर शानदार जीत हासिल करने और वोट प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ, भाजपा ने तेलंगाना में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इसी उत्साह और आत्मविश्वास के साथ, पार्टी अब नगरपालिका, जिला परिषद, मंडल परिषद और ग्राम पंचायत चुनावों में भी अपनी विजय पताका फहराने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, पूर्व अध्यक्ष बंदी संजय और नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव ईटाला राजेंदर जैसे प्रमुख चेहरे शामिल हैं, इन चुनावों के लिए गहन रणनीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। उनकी रणनीति का एक प्रमुख बिंदु कांग्रेस सरकार की कथित विफलताओं और जनविरोधी नीतियों को उजागर करना होगा।
भाजपा नेता, कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए वादों जैसे कि फसल ऋण माफी, बेरोजगारी भत्ता, महिला यात्रियों के लिए मुफ्त बस यात्रा, 'रायथु भरोसा' योजना और नौकरी की घोषणाओं में कथित देरी या विफलता को जनता के बीच ले जाने की योजना बना रहे हैं। पार्टी का मानना है कि इन मुद्दों पर कांग्रेस सरकार के प्रति बढ़ता असंतोष उन्हें स्थानीय निकाय चुनावों में लाभ दिलाएगा।
इसके साथ ही, पार्टी अपनी संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने पर भी जोर दे रही है। इसमें बूथ समितियों को सशक्त बनाना, कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना और पार्टी की सदस्यता को बढ़ाना शामिल है। भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनावों में मिली सफलता और कांग्रेस सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष का लाभ उसे स्थानीय निकाय चुनावों में भी मिलेगा, जिससे वह राज्य में अपनी राजनीतिक पैठ और मजबूत कर सकेगी।
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