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Up Kiran Digital Desk: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में हाल ही में एक चौंकाने वाला लेकिन पुरानी योग परंपरा से जुड़ा विषय चर्चा का केंद्र बन गया है। दिग्गज अभिनेता परेश रावल द्वारा यह खुलासा करने के बाद कि उन्होंने अपनी घुटने की चोट से राहत पाने के लिए अपना ही मूत्र पिया, सोशल मीडिया से लेकर मेडिकल विशेषज्ञों तक में बहस छिड़ गई। अब इस बयान का समर्थन करते हुए, ‘आशिकी’ फेम अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने भी दावा किया है कि उन्होंने खुद यह अभ्यास किया है और इसे योगशास्त्र का हिस्सा बताया है।
क्या कहा परेश रावल ने?
कुछ समय पहले परेश रावल ने एक निजी बातचीत में बताया था कि उन्हें घुटने में गंभीर चोट लगी थी और किसी सलाह पर उन्होंने मूत्र सेवन यानी अमरोली को आज़माया। उन्होंने इसे “प्राकृतिक उपचार” करार दिया था, जिससे उनकी स्थिति में सुधार हुआ। इस बयान के बाद, जहां कई लोग हैरान रह गए, वहीं कुछ ने इसे अंधविश्वास या पब्लिसिटी स्टंट भी करार दिया।
अनु अग्रवाल का समर्थन और "अमरोली" की अवधारणा
अब अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने इंस्टा बॉलीवुड को दिए एक इंटरव्यू में परेश रावल का समर्थन करते हुए कहा कि ये अज्ञानता नहीं तो क्या है कि लोग बिना जाने किसी चीज़ को नकार देते हैं। मूत्र सेवन को 'अमरोली' कहा जाता है और यह हठ योग में एक मान्य मुद्रा है।
अनु के अनुसार, मूत्र का मध्य भाग -जिसे अमृत माना जाता है -केवल वही सेवन किया जाता है, न कि पूरी धार। उन्होंने इसे एक एंटी-एजिंग उपाय और समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया।
क्या कहता है विज्ञान?
जहाँ कुछ आयुर्वेदिक और योग साहित्य में अमरोली का जिक्र मिलता है, वहीं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान मूत्र को शरीर की अपशिष्ट सामग्री मानता है। डॉक्टरों की राय है कि मूत्र में मौजूद यूरिया, अमोनिया और अन्य नाइट्रोजनयुक्त तत्व साफ पानी का विकल्प नहीं बन सकते और नियमित सेवन से नुकसान भी हो सकता है।
एम्स दिल्ली के पूर्व गैस्ट्रोएन्टरोलॉजिस्ट डॉ. विनय कुलकर्णी कहते हैं कि मूत्र शरीर के फिल्टर सिस्टम द्वारा बाहर निकाली गई गंदगी है। इसे पीना कोई चिकित्सकीय समाधान नहीं है, खासकर जब इलाज के कई अन्य प्रमाणिक विकल्प मौजूद हैं।
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