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repo rate: रिजर्व बैंक ने 9 अप्रैल को ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। इसके बाद देश के 4 प्रमुख सरकारी बैंकों ने भी उधारी दरें घटा दी हैं। इसका मतलब यह होगा कि आम आदमी को घर और कार ऋण सहित सभी प्रकार के ऋणों पर कम ब्याज देना होगा। साथ ही मौजूदा ग्राहकों की ईएमआई भी कम हो जाएगी। इन चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ऋण ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है। पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और यूको बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है। बैंकों के इस निर्णय से उनके मौजूदा और नए उधारकर्ताओं को लाभ होगा।

अन्य बैंकों द्वारा भी शीघ्र ही ऐसी ही घोषणाएं किए जाने की संभावना है। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने फरवरी में अपनी बैठक के दौरान रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। इसके बाद अप्रैल में एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर उसे 6 प्रतिशत पर ला दिया गया।

इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने शेयर बाजार को दी गई अलग सूचना में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अल्पकालिक उधार दर (रेपो रेट) में कटौती के बाद ऋण पर ब्याज दरों में बदलाव किया गया है। इंडियन बैंक ने 11 अप्रैल से रेपो लिंक्ड बेंचमार्क लेंडिंग रेट (आरबीएलआर) को 35 आधार अंकों से घटाकर 8.70 प्रतिशत कर दिया है। इस बीच, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने गुरुवार से आरबीएलआर को 9.10 प्रतिशत से घटाकर 8.85 प्रतिशत कर दिया है।

बैंक ऑफ इंडिया का नया आरबीएलआर 8.85 प्रतिशत है, जो पहले 9.10 प्रतिशत था। बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि नई दरें बुधवार से प्रभावी होंगी। यूको बैंक ने गुरुवार से अपनी ऋण ब्याज दर घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने 9 अप्रैल को रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया था। अब रेपो रेट घटकर 6 फीसदी पर आ गई है। पिछली बार फरवरी की नीति में आरबीआई ने पांच साल में पहली बार रेपो दर में कटौती की थी।