img

Up kiran,Digital Desk : केंद्र सरकार के 'उम्मीद पोर्टल' पर हजारों वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने की 5 दिसंबर की डेडलाइन चूकने के बाद पंजाब वक्फ बोर्ड को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से मोहलत बढ़ाने की याचिका खारिज होने के बाद, राज्य के वक्फ ट्रिब्यूनलों ने बोर्ड को यह काम पूरा करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दे दिया है।

क्या है पूरा मामला?

केंद्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने देश के सभी वक्फ बोर्डों को निर्देश दिया था कि वे अपनी सभी संपत्तियों को 5 दिसंबर 2025 तक ऑनलाइन 'उम्मीद पोर्टल' पर पंजीकृत करें। पंजाब में ऐसी करीब 24,401 संपत्तियां हैं। इस डेडलाइन को बढ़ाने के लिए कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं।

3 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डेडलाइन बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह रास्ता जरूर दिखाया था कि बोर्ड आखिरी तारीख तक अपने-अपने राज्यों के वक्फ ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं।

पंजाब वक्फ बोर्ड को मिली मोहलत

इसी विकल्प का इस्तेमाल करते हुए पंजाब वक्फ बोर्ड ने राज्य के अलग-अलग ट्रिब्यूनलों में याचिकाएं दायर कीं।

नियमों के मुताबिक, वक्फ ट्रिब्यूनल काम की प्रगति के आधार पर अधिकतम छह महीने का अतिरिक्त समय दे सकता 

क्यों हुई काम में देरी?

बोर्ड ने अपनी याचिका में देरी के कारणों का भी हवाला दिया। अधिकारियों के मुताबिक, सर्वर की धीमी गति एक बड़ी समस्या थी। शुरुआती दौर में पोर्टल 12 से 14 घंटे तक हैंग रहता था, जिससे काम करना लगभग नामुमकिन था। सितंबर के बाद ही स्थिति में कुछ सुधार आया ਹੈ। इसके अलावा, संपत्तियों को तीन स्तरों पर जांच के बाद ही पंजीकृत किया जा सकता ਹੈ, जो एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया ਹੈ।

अब मिली इस मोहलत से बोर्ड को उम्मीद है कि वह अपनी सभी संपत्तियों को सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकृत कर पाएगा।