12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक भीषण विमान हादसे का शिकार हो गई। यह विमान, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, उड़ान भरने के तुरंत बाद सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे।
दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई, जिससे भारी धुएं का गुबार उठता देखा गया। इस हादसे में केवल एक यात्री जीवित पाया गया, जिसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय सेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और NDRF समेत 500 से अधिक कर्मी राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विमान ने उड़ान भरने के बाद MAYDAY कॉल भेजा था, लेकिन उसके बाद कोई संपर्क नहीं हुआ। विमान में भारी मात्रा में ईंधन होने के कारण हादसा और भीषण हो गया। डीजीसीए ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 'कॉन्फिगरेशन एरर' (विमान की उड़ान के लिए सही सेटिंग्स का न होना) एक संभावित कारण हो सकता है।
यह हादसा विमानन सुरक्षा मानकों और तकनीकी खामियों के प्रति गंभीर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पायलट की गलती, तकनीकी खामियां, मौसम की प्रतिकूलता और एयरलाइन कंपनियों की लापरवाही जैसे कारक विमान दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हो सकते हैं। इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि हवाई यात्रा में सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है।
विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि इस हादसे के बाद एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं की पुनः समीक्षा करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी तकनीकी और मानव संसाधन पहलुओं को सही तरीके से प्रबंधित किया जाए।
अंत में, इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का पालन करना और तकनीकी खामियों को समय रहते सुधारना अत्यंत आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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