Up Kiran, Digital Desk: भारत के विमानन और रक्षा क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी और गर्व करने वाली खबर सामने आई है। दुनिया की सबसे बड़ी विमान बनाने वाली कंपनियों में से एक, एयरबस (Airbus) अब 'मेक इन इंडिया' अभियान को पंख लगाने जा रही है। कंपनी ने गुजरात में एक अत्याधुनिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) सेंटर खोलने का ऐलान किया है।
इतना ही नहीं, एयरबस ने यह भी घोषणा की है कि वह भारत से 1 अरब डॉलर (करीब 8500 करोड़ रुपये) से भी ज़्यादा कीमत के कल-पुर्जे खरीदेगी।
गुजरात बनेगा विमानन का नया हब
यह नया R&D सेंटर गुजरात में स्थापित किया जाएगा, जो राज्य को दुनिया के विमानन नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा। इस सेंटर में विमानों के डिजाइन, इंजीनियरिंग और नई तकनीकों पर काम किया जाएगा, जिससे भारत में एयरोस्पेस सेक्टर से जुड़े कुशल लोगों के लिए हजारों नए अवसर पैदा होंगे।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारतीय कंपनियों की बल्ले-बल्ले
एयरबस के इस ऐलान का सबसे बड़ा फायदा भारत की छोटी-बड़ी कंपनियों को मिलेगा। अब एयरबस अपने विमानों के लिए दरवाजे, पंख, फ्यूजलेज (विमान का ढांचा) और लैंडिंग गियर जैसे महत्वपूर्ण हिस्से भारतीय कंपनियों से खरीदेगी।
इससे न सिर्फ भारतीय कंपनियों की आय बढ़ेगी, बल्कि उन्हें विश्व स्तरीय तकनीक और गुणवत्ता के मानकों को सीखने और अपनाने का मौका भी मिलेगा। यह कदम भारत को सिर्फ एक बाजार ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करेगा।
एयरबस का यह निवेश दिखाता है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां अब भारत की इंजीनियरिंग और निर्माण क्षमता पर कितना भरोसा कर रही हैं। यह भारत की अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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