Up Kiran, Digital Desk: नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Noida International Airport) के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। उद्घाटन से पहले एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार करते हुए एयरपोर्ट के रनवे पर पहले विमान की सफल परीक्षण लैंडिंग कराई गई। यह एक छोटा, डबल इंजन वाला विमान था जिसने एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेकऑफ किया। इस सफल परीक्षण के साथ ही जेवर एयरपोर्ट ऑपरेशनल होने के एक कदम और करीब पहुंच गया है।
यह कोई सामान्य यात्री उड़ान नहीं थी, बल्कि एक 'कैलिब्रेशन फ्लाइट' थी। इस तरह की उड़ानों का मुख्य उद्देश्य रनवे पर लगे नेविगेशन और निगरानी उपकरणों, जैसे DVOR और ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम), की जांच करना और उन्हें कैलिब्रेट करना होता है। ये सिस्टम विमानों को किसी भी मौसम में सुरक्षित रूप से लैंड करने और रास्ता दिखाने में मदद करते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की टीम इस जांच प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस है एयरपोर्ट
अधिकारियों ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट देश का पहला एयरपोर्ट है जहां अत्याधुनिक CAT III तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक घने कोहरे और खराब मौसम में भी विमानों को सुरक्षित रूप से लैंड कराने में सक्षम है, जिससे सर्दियों में उड़ानों में होने वाली देरी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
एयरपोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, हमारा लक्ष्य इस साल के अंत तक हवाई अड्डे को चालू करना है और यह सफल परीक्षण उस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की राह पर
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। पहले चरण में, यह सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 7 करोड़ यात्री प्रति वर्ष तक किया जाएगा।
यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में काम करेगा, जिससे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा। इसकी सीधी कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से होगी और इसे मेट्रो के जरिए भी जोड़ा जाएगा।
इस सफल परीक्षण लैंडING ने न केवल परियोजना से जुड़े अधिकारियों और इंजीनियरों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को भी एक नई उड़ान दी है।
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