Sambhal violence: पूर्व सीएम एवं सपा चीफ अखिलेश ने इल्जाम लगाया कि यूपी के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा में बीजेपी की भूमिका थी। लोकसभा में बोलते हुए यादव ने इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की और जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की। घटना का जिक्र करते हुए यादव ने BJP पर ऐसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगाया, जिससे क्षेत्र में अशांति फैल गई। उन्होंने केंद्र सरकार से आरोपों को दूर करने और हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
यादव ने आगे बोलते हुए संभल की घटना को "सुनियोजित साजिश" करार दिया और दावा किया कि इसका उद्देश्य क्षेत्र के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना था। उन्होंने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सुनियोजित साजिश है और संभल में भाईचारे को गोली मारी गई है। BJP और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को नष्ट कर देंगी।"
रामगोपाल यादव ने संभल में पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया
अखिलेश के बयान उनके पार्टी सहयोगी राम गोपाल यादव द्वारा राज्यसभा में संभल में हुई घटना के दौरान कथित पुलिस ज्यादतियों के बारे में की गई टिप्पणी के बाद आए हैं। यादव ने 24 नवंबर को संभल में हुई घटना के दौरान पुलिस की बर्बरता का इल्जाम लगाया। यादव के अनुसार, स्थानीय लोगों को इसके उद्देश्य के बारे में बताए बिना सुबह से ही जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), वकील और अन्य लोग ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए, जिससे भीड़ में संदेह पैदा हो गया और उन्हें बर्बरता का डर था।
यादव ने दावा किया कि उपद्रव तब शुरू हुआ जब सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे स्थानीय लोगों में संभावित छेड़छाड़ को लेकर चिंता बढ़ गई। कथित तौर पर उपद्रव हिंसा में बदल गया, जिसके दौरान पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई मामले दर्ज किए गए, कई लोगों को जेल भेजा गया और बंदियों को बुरी तरह पीटा गया।
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