Up Kiran, Digital Desk: जब अयोध्या में प्रधानमंत्री धर्मध्वजा फहरा रहे थे, ठीक उसी वक्त अखिलेश यादव ने एक पोस्ट डालकर सारी सियासी हवा बदल दी। न कोई तंज, न कोई तीखापन, बस शांत ढंग से अपनी योजना बता दी कि पहले इटावा का केदारेश्वर महादेव मंदिर पूरा करेंगे, फिर परिवार समेत रामलला के चरणों में हाजिरी लगाएंगे। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि यह सबसे स्मार्ट और सकारात्मक जवाब था।
इटावा में बन रहा भव्य केदारनाथ जैसा मंदिर
इटावा सफारी पार्क के ठीक सामने बन रहा श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर अब अंतिम चरण में है। अखिलेश ने लिखा कि पूर्णता ही पूर्णता को बुलाती है। जब यह मंदिर तैयार हो जाएगा, तभी बाकी मंदिरों के दर्शन का संकल्प पूरा करेंगे। लोग इसे साफ संदेश मान रहे हैं कि वह बिना जल्दबाजी और बिना राजनीतिक दबाव के अपनी आस्था के हिसाब से चलेंगे।
भाजपा का सवाल अब कमजोर पड़ा
पिछले डेढ़ साल से भाजपा वाले बार-बार पूछते थे कि अखिलेश अयोध्या क्यों नहीं गए। दो दिन पहले सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी कहा था कि न्योता मिले तो नंगे पांव चलकर जाएंगे। अखिलेश ने चुप्पी तोड़ी और बता दिया कि वह पहले अपने जिले का मंदिर पूरा करना चाहते हैं। अब सवाल करने वालों के पास कहने को कुछ खास नहीं बचा।
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे तारीफ
एक यूजर ने लिखा – “ये होता है असली समाजवादी जवाब, न नफरत न तमाशा।” दूसरे ने कहा – “जो अपने इलाके का मंदिर पहले पूरा करे, वही असली श्रद्धालु है।” कई लोगों ने इसे सकारात्मक राजनीति का उदाहरण बताया। कोई बोला कि अब अयोध्या जाने का इंतजार और भी खूबसूरत हो गया।
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