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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के कराची शहर में 'रामायण' का एक अनोखा और अद्भुत मंचन देखने को मिला है, जिसने सांस्कृतिक सीमाओं को लांघकर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में चर्चा का विषय बना दिया है। 

मौज' नामक एक स्थानीय ड्रामा ग्रुप ने भगवान राम की इस कालजयी गाथा को मंच पर जीवंत करने के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का सहारा लिया है। यह पहल न केवल कलात्मक रूप से साहसिक है, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

AI का अनूठा प्रयोग:
'मौज' ग्रुप ने इस नाटक में AI का इस्तेमाल दृश्यों को भव्य बनाने, विशेष प्रभाव (VFX) पैदा करने और संभवतः कुछ पात्रों की वेशभूषा या सेट डिजाइन में भी किया होगा। AI के प्रयोग से मंचन को एक आधुनिक और प्रभावशाली रूप मिला है, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। यह दिखाता है कि कैसे तकनीक का इस्तेमाल पौराणिक कथाओं को नए और दिलचस्प तरीकों से प्रस्तुत करने के लिए किया जा सकता है।

सांस्कृतिक सद्भाव का संदेश:
पाकिस्तान में रामायण का मंचन अपने आप में एक बड़ी बात है। यह न केवल धार्मिक सहिष्णुता और विविधता का एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कला और संस्कृति कैसे देशों और समुदायों के बीच पुल का काम कर सकती हैं। 

यह पहल उन लोगों के लिए एक सकारात्मक संदेश है जो भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहते हैं।

कराची जैसे शहर में, जहाँ एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिंदू समुदाय भी निवास करता है, रामायण का यह मंचन विशेष महत्व रखता है। इसने न केवल हिंदू समुदाय को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर दिया, बल्कि मुस्लिम समुदाय को भी एक-दूसरे की संस्कृति और मान्यताओं को समझने का मौका दिया।

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