
Up Kiran, Digital Desk: भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनियों, अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) और एसीसी सीमेंट (ACC Cement) ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन दोनों कंपनियों, जो अडाणी समूह का हिस्सा हैं, ने 2050 तक 'नेट-ज़ीरो' कार्बन उत्सर्जन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक ऐसा लक्ष्य है जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सीमेंट उद्योग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या है 'नेट-ज़ीरो' उत्सर्जन?
'नेट-ज़ीरो' उत्सर्जन का मतलब है कि कंपनी जितना कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में छोड़ती है, उतना ही वह वातावरण से हटा भी देती है, जिससे कुल उत्सर्जन शून्य हो जाता है। इसे अक्सर 'कार्बन न्यूट्रल' भी कहा जाता है।
कैसे हासिल होगा यह लक्ष्य?
अंबुजा और एसीसी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई रणनीतियों पर काम करेंगे:
हरित ऊर्जा का उपयोग: वे अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर अपनी निर्भरता कम करेंगे और सौर, पवन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाएंगे।
ऊर्जा दक्षता में सुधार: अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं में ऊर्जा दक्षता बढ़ाएंगे, जिससे कम ऊर्जा में अधिक उत्पादन हो सके।
कचरा प्रबंधन और सर्कुलर इकोनॉमी: औद्योगिक कचरे और उप-उत्पादों का उपयोग सीमेंट उत्पादन में किया जाएगा, जिससे कचरा कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी: भविष्य में कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके सीधे उत्सर्जन को कम करने पर भी विचार किया जा सकता है।
वनीकरण: पेड़ लगाकर या अन्य प्राकृतिक तरीकों से वातावरण से कार्बन को हटाने की परियोजनाओं में भी निवेश किया जाएगा।
अडाणी समूह की प्रतिबद्धता
यह कदम अडाणी समूह की व्यापक स्थिरता रणनीति का हिस्सा है। समूह ने पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ESG) मानकों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता जताई है। सीमेंट उद्योग, जो दुनिया में सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जित करने वाले उद्योगों में से एक है, के लिए यह लक्ष्य हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगी, लेकिन यह पर्यावरण के प्रति उनकी गंभीरता को भी दर्शाता है। यह कदम उद्योग के लिए एक सकारात्मक मिसाल कायम करेगा और हरित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
--Advertisement--