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 अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसे भारत ने अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है। नीति आयोग के पूर्व CEO व G20 शेरपा अमिताभ कांत ने इसे न केवल संकट, बल्कि “पीढ़ी में एक बार मिलने वाला अवसर” बताया है ।

कांत ने कहा:

 “Trump has provided us a once in a generation opportunity to take the next big leap on reforms. Crisis must be fully utilised.”

 

वे इस दिशा में सलाह देते हैं कि देश को इस संकट का उपयोग व्यापक सुधारों के लिए करना चाहिए, जिससे भारत अपनी आर्थिक संरचना को मजबूत कर सके।

मुख्य सुझाव और मास्टर प्लान की रूपरेखा:

आर्थिक सुधारों की शुरुआत: तीन दशक पहले 1991 की तरह, अब फिर चुनौतियों को ‘Manthan’ के रूप में अपनाने का समय है। यह भारत को आर्थिक पुनर्रचना की राह पर ले जाएगा।

दीर्घकालिक निर्माण और प्रतिस्पर्धा: नीति आयोग की ओर से नए 'National Manufacturing Mission' जैसे कार्यक्रम तैयार हैं, ताकि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में शामिल किया जा सके ।

टैरिफ सुधार: NITI Aayog CEO BVR

 Subrahmanyam ने स्पष्ट किया कि ऊंचे टैरिफ से लाभ नहीं होता; इसे घटाकर व्यापार सुधारना भारत की बेहतरी के लिए ज़रूरी है । उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते जैसे EU, UK, CPTPP और RCEP को पूरा करना चाहिए, जिससे टैरिफ में कमी संभव हो सके और निवेश बढ़े ।

संघटनात्मक सुधार और MSME सशक्तिकरण: नीति आयोग ने आंतरिक सुधारों, विस्तार, और पहचान को बढ़ाते हुए विशेष रूप से MSMEs, टेक्सटाइल, ऑटो, फुटवियर और इलेक्ट्रॉनिक्स को वैश्विक मंडियों में प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर दिया है।

निर्यात बढ़ावा मिशन: सरकार सितंबर 2025 तक ₹20,000 करोड़ की ‘Export Promotion Mission’ लॉन्च करने की तैयारी में है, ताकि अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित व्यापारियों को सपोर्ट किया जा सके और निर्यात स्थिर हो सके।