Up Kiran, Digital Desk: आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को कुल 31,197 PUC सर्टिफिकेट जारी किए गए, जबकि इससे एक दिन पहले यह संख्या केवल 17,732 थी। यानी एक ही दिन में PUC जांच की संख्या लगभग दोगुनी हो गई।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली की सड़कों पर केवल वही वाहन चलें जो तय प्रदूषण मानकों को पूरा करते हों। पेट्रोल पंप संचालक भी इस पहल में सहयोग कर रहे हैं। पंपों पर ‘नो PUC, नो फ्यूल’ से जुड़े नोटिस लगाए गए हैं और वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में चलाए गए ऐसे अभियानों में एक दिन में 30 हजार से ज्यादा PUC जांच केवल एक-दो बार ही देखने को मिली थी। अभियान के पहले ही दिन कई PUC सेंटरों पर भारी भीड़ देखने को मिली। एक पंप ऑपरेटर का कहना है कि गुरुवार को PUC जारी होने का नया रिकॉर्ड भी बन सकता है।
PUC सेंटरों पर लंबा इंतजार, सर्वर स्लो की शिकायत
PUC जांच की अचानक बढ़ी मांग के कारण कई इलाकों में सर्वर स्लो होने की शिकायतें सामने आईं। कुछ जगहों पर वाहन मालिकों को तीन घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा।
कनॉट प्लेस, जनपथ, धौला कुआं, पंजाबी बाग, नरेला, करोल बाग, केशव पुरम, बाबा खड़क सिंह मार्ग और आनंद विहार जैसे इलाकों में स्थित पंपों पर औसतन एक से तीन घंटे तक का इंतजार देखा गया। नरेला के एक PUC सेंटर पर लंबी कतारें लगी रहीं।
पहले दिन मिला-जुला रहा असर
ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर बिना वैध PUC सर्टिफिकेट वाले वाहनों को ईंधन देने से मना कर दिया गया। ऐसे मामलों में पंप कर्मियों ने वाहन चालकों से तुरंत PUC बनवाने की अपील की। इसके बाद कई लोग PUC बनवाकर दोबारा पेट्रोल पंप पहुंचे।
इस अभियान में ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के डेटाबेस से PUC की स्थिति जांचते हैं। अगर PUC वैध नहीं होता, तो स्पीकर के जरिए वाहन नंबर की घोषणा कर पंप कर्मियों को अलर्ट किया जाता है।
हालांकि, कई जगहों पर ANPR कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में पंप कर्मियों को मैन्युअल तरीके से PUC जांच करनी पड़ी। इस दौरान ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, ट्रैफिक पुलिस और विशेष रूप से तैनात DTC स्टाफ ने भी PUC जांच की और नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे।
करोल बाग, कनॉट प्लेस, राजेंद्र नगर सहित कई इलाकों में यह सख्ती देखने को मिली। हालांकि, कुछ पंपों पर विवाद से बचने के लिए बिना जांच के ही फ्यूल दिया गया, जहां सरकारी निगरानी नजर नहीं आई।
बॉर्डर इलाकों पर सख्ती, बिक्री में गिरावट
अभियान को सफल बनाने के लिए दिल्ली और बॉर्डर क्षेत्रों में 126 स्थानों पर 580 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कुछ पंपों पर एमसीडी कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
इस अभियान का असर पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर भी पड़ा है। खासतौर पर दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में स्थित करीब 120 पंपों पर बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इन पंपों पर वाहनों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले लगभग 25 प्रतिशत कम हो गई है।
दूसरे राज्यों से आने वाली BS-IV मानक पूरे न करने वाली निजी गाड़ियों पर कुछ चुनिंदा बॉर्डर—जैसे आनंद विहार, गाज़ीपुर, चिल्ला और दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर—पर सख्ती देखी गई। हालांकि, दिल्ली में कुल 156 एंट्री पॉइंट्स में से अधिकतर पर अभी कड़ी जांच नजर नहीं आई।
NCR में भी लागू करने की मांग
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि कुछ जगहों पर विवाद की घटनाओं को छोड़ दें तो अभियान शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर NCR के अन्य हिस्सों में भी ‘नो PUC, नो फ्यूल’ अभियान लागू किया जाए, तो प्रदूषण नियंत्रण में और बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।




