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भारत के मिशन चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग हो गई है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर में चंद्रयान तीन को शुक्रवार यानी। 14 जुलाई को दोपहर 02:35 पर लॉन्च किया गया। एलजी एमसी ने चंद्रयान तीन को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया है और अब पृथ्वी की कक्षा के बाद धीरे धीरे चंद्रमा की ओर आगे बढ़ेगा और अब सैटेलाइट को चांद तक पहुंचाने में करीब 42 दिन लगेंगे।

बता दें कि अगर चंद्रयान तीन का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। साइंटिस्ट का कहना है कि चांद की यात्रा बहुत कठिन है। इसके लिए सटीक गणना, स्पेस की समझ, एक बेहतरीन योजना और अंतरिक्ष विज्ञान की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। चांद और पृथ्वी के। बीच की दूरी ओवल शेप की है। आसान भाषा में कहें तो यह अंडाकार है। इसका यह मतलब हुआ। कि पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी। समय के हिसाब से बदलती रहती है। अपने निकटतम बिंदु पर चंद्रमा पृथ्वी से 3,00,068 हज़ार 104 किलोमीटर दूर है। अपने सबसे दूर बिंदु पर यह 4,00,005 हज़ार 696 किलोमीटर दूर है।

जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान दो मिशन को चंद्रमा तक पहुंचाने में लगभग छह सप्ताह का समय लगा था सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए यह परिपेक्ष पथ का परिक्रमा करता रहा। इस यात्रा में अंतरिक्ष यान के उतरने को धीमा करने का जरूरी काम भी शामिल था।

चंद्रयान को चांद पर ठीक तरह से लैंड करवाने के लिए सबसे पहले यान की गति बढ़ाने और इसको पृथ्वी की ग्रैविटेशनल फोर्स से बाहर निकालना बहुत जरूरी है। चंद्रयान तीन पहले पृथ्वी के चक्कर लगाता रहेगा। ठीक वैसे ही जैसे कोई सैटेलाइट लगाता है। धीरे धीरे करके यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से दूर होता चला जाएगा। उसके बाद चंद्रयान तीन चंद्रमा की कक्षा में जाने में सक्षम हो पाएगा। 
 

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