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Up Kiran, Digital Desk: एक ख़बर ने दुनिया भर में सिख समुदाय के लोगों को चिंतित कर दिया है. अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के एक बयान के बाद यह चिंता और बढ़ गई है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाने की बात कही है. इस फैसले का सीधा असर सिख सैनिकों पर पड़ेगा, जिनके लिए केश और दाढ़ी उनकी धार्मिक पहचान का एक अभिन्न अंग है.

इसी को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की है कि वे इस मामले को अमेरिकी सरकार के सामने उठाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिख बिना किसी भेदभाव के अपने धर्म का पालन कर सकें.

क्या है पूरा मामला: सुखबीर बादल ने विदेश मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री के बयान से दुनिया भर के सिख बहुत आहत और चिंतित हैं बयान के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा बलों में सेवा कर रहे सिखों के लिए दाढ़ी रखने पर पाबंदी लगाई जा सकती है. बादल ने विदेश मंत्री से आग्रह किया है कि वे इस भेदभावपूर्ण फैसले को लागू होने से रोकने के लिए सही स्तर पर बात करें ताकि सिख पहले की तरह अपनी धार्मिक पहचान के साथ सेवा करना जारी रख सकें.

दाढ़ी रखनी है तो स्पेशल फाॅर्स में जाओ: रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अपने एक भाषण में कहा, “अगर आपको दाढ़ी रखनी है, तो स्पेशल फ़ोर्स में शामिल हों. अगर नहीं, तो शेव करें.” उनके इस बयान की काफ़ी आलोचना हो रही है.

धार्मिक स्वतंत्रता के ख़िलाफ़: बादल ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि यह फैसला अमेरिका के लोकतंत्र के उस मूल सिद्धांत के ख़िलाफ़ है, जिसमें किसी भी व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी गई है. उन्होंने याद दिलाया कि 2010 में दो सिख अधिकारियों, कैप्टन सिमरन प्रीत सिंह लांबा और डॉ. मेजर कमलजीत सिंह कलसी, की याचिका पर अमेरिकी सरकार ने सिख सैनिकों को पगड़ी और दाढ़ी सहित अपनी धार्मिक पहचान बनाए रखने का अधिकार दिया था.

इस मामले पर नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (NAPA) जैसी संस्थाएं भी अपनी चिंता और विरोध जता चुकी हैं. दुनिया भर के सिख इस मामले के जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. अब देखना यह है कि भारत सरकार इस पर क्या कदम उठाती है.