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Up Kiran, Digital Desk: विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को अमेरिकी मीडिया एजेंसी ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक 'गुप्त' पत्र भेजा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए साफ कहा, "हमने वह रिपोर्ट देखी है और हम पुष्टि कर सकते हैं कि चिट्ठी के बारे में यह खबर गलत है।"

क्या था ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में?

ब्लूमबर्ग ने एक अनाम अधिकारी का हवाला देते हुए खबर छापी थी कि शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति मुर्मू को एक पत्र लिखकर द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर नई दिल्ली के विचार जानने की कोशिश की है। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह संदेश असल में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार के लिए था।

ऐसे समय में आई खबर जब बदल रहे हैं समीकरण

भारत सरकार का यह खंडन ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बाद भारत और चीन के संबंधों में एक सतर्क सुधार देखने को मिल रहा है। ट्रंप ने भारत और चीन दोनों पर "टैरिफ का दुरुपयोग" करने और अमेरिकी व्यवसायों को रोकने का आरोप लगाया है, जबकि दोनों देश अमेरिका को भारी मात्रा में निर्यात करना जारी रखे हुए हैं।

दिलचस्प बात यह है कि भारतीय सामानों पर ट्रंप के 50% टैरिफ ने अनजाने में नई दिल्ली और बीजिंग को थोड़ा करीब ला दिया है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं ने प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान बीजिंग ने ट्रंप की "धमकाने वाली" व्यापार नीतियों के सामने भारत को समर्थन दोहराया था।