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और चीन के बीच टैरिफ को लेकर नया विवाद तेज हो गया है। इस बीच भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत और चीन को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं और आपसी सहयोग से वैश्विक आर्थिक असंतुलन का सामना किया जा सकता है।
यू जिंग का बयान: 'भारत और चीन को साथ खड़ा होना चाहिए'
यू जिंग ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक रिश्ते पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में दुनिया की दो सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट होकर इन कठिनाइयों से निपटना चाहिए।"
चीन का दावा: वैश्विक अर्थव्यवस्था को दी गति
यू जिंग ने कहा कि चीन हमेशा से आर्थिक वैश्वीकरण और बहुपक्षीय व्यवस्था का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा, "चीन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है और हर साल वैश्विक आर्थिक विकास में लगभग 30 प्रतिशत योगदान करता है। हम वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के नेतृत्व में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए बाकी दुनिया के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।"
टैरिफ वॉर पर चीन का सख्त रुख
चीन ने अमेरिका के टैरिफ के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है। यू जिंग ने कहा, "व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं होता। सभी देशों को सलाह-मशविरा और सहयोग के रास्ते पर चलना चाहिए। हमें सच्चे बहुपक्षीयवाद का समर्थन करना चाहिए और किसी भी प्रकार के एकतरफा फैसलों का विरोध करना चाहिए।"
अमेरिका का बड़ा कदम, 104 प्रतिशत टैरिफ लागू
विवाद के केंद्र में अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए नए टैरिफ हैं। अमेरिकी प्रशासन ने चीन से आयातित कुछ उत्पादों पर 104 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 9 अप्रैल से लागू हो चुका है। इसके जवाब में चीन ने भी चेतावनी दी है कि वह इस व्यापार युद्ध में अंत तक लड़ने के लिए तैयार है।