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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई भीषण बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने जहां राज्य को हिला कर रख दिया है, वहीं अब इस मुद्दे पर सियासत भी तेज़ होती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने इन आपदाओं को धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाने से जोड़ते हुए एक विवादास्पद टिप्पणी की है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

"जहाँ पूजा होती है, वहाँ न करें हस्तक्षेप"

हसन का कहना है कि ऐसे स्थान, जहाँ लोग ईश्वर की आराधना करते हैं, चाहे वह मस्जिद हो, मंदिर हो या कोई अन्य धार्मिक स्थल, उन्हें छेड़ना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इन स्थलों को खाली करवाया जा सकता है, लेकिन उन्हें मिटाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि धार्मिक स्थलों पर की गई ज़बरदस्ती या बलपूर्वक कार्रवाई, प्राकृतिक संतुलन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

“यह सिर्फ एक प्राकृतिक घटना नहीं”

समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए हसन ने कहा कि उत्तरकाशी की घटनाओं को सिर्फ एक सामान्य प्राकृतिक आपदा कहना सही नहीं होगा। उनके मुताबिक, जिस तरह से वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चल रहे हैं, उससे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बिगड़ा है।

साथी दल कांग्रेस ने बनाई दूरी

इस बयान के बाद विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह एसटी हसन के विचारों से सहमत नहीं है। पार्टी नेता और सांसद सुखदेव भगत ने हसन की भाषा को "अस्वीकार्य" बताया और कहा कि इस समय ज़रूरत है कि हम पीड़ितों की मदद करें, न कि ऐसे बयान दें जो विभाजन बढ़ाएं।

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