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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति के 'लौह पुरुष' और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठतम नेता, लालकृष्ण आडवाणी आज 98 साल के हो गए हैं. इस ख़ास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने उनके घर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. लेकिन इन सबमें गृह मंत्री अमित शाह का बधाई संदेश कुछ ख़ास था, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ आडवाणी जी को शुभकामनाएं दीं, बल्कि देश को उनके उस सबसे बड़े योगदान की भी याद दिलाई, जिसने भारत की राजनीति की दिशा हमेशा के लिए बदल दी - राम जन्मभूमि आंदोलन.

अमित शाह ने सोशल मीडिया पर अपने बधाई संदेश में लिखा, भाजपा के वरिष्ठतम नेता आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. आडवाणी जी का पूरा जीवन देश की एकता और सांस्कृतिक गौरव के लिए समर्पित रहा है. उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी.

जब एक 'रथयात्रा' ने बदल दिया देश का इतिहास

अमित शाह का यह कहना कोई मामूली बात नहीं है. यह उस दौर को याद करना है, जब आडवाणी जी के नेतृत्व ने भाजपा को 2 सीटों वाली पार्टी से देश की सत्ता के शिखर तक पहुंचा दिया था.

सोमनाथ से अयोध्या: 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की 'राम रथ यात्रा' भारतीय राजनीति का एक ऐतिहासिक मोड़ थी. उन्होंने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या के लिए यह यात्रा शुरू की थी. यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि इसने पूरे देश में राम मंदिर के पक्ष में एक ऐसी लहर पैदा कर दी, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई थी.

आंदोलन का चेहरा: आडवाणी जी इस पूरे आंदोलन के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली चेहरे थे. उनके भाषणों और उनके दृढ़ संकल्प ने लाखों कारसेवकों को अयोध्या पहुंचने के लिए प्रेरित किया.

अमित शाह ने अपने संदेश में आगे कहा कि आडवाणी जी ने अपने अथक प्रयासों से पार्टी को मजबूत किया और करोड़ों कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया. उन्होंने आडवाणी जी के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की.

जब पीएम मोदी ने लगाया गले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज सुबह लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे. उन्होंने आडवाणी जी को गुलदस्ता भेंट किया, उन्हें गले लगाया और उनके साथ कुछ समय बिताया. पीएम मोदी हर साल आडवाणी जी को उनके जन्मदिन पर व्यक्तिगत रूप से बधाई देने जाते हैं.

लालकृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन सिर्फ एक व्यक्ति का जन्मदिन नहीं है, बल्कि यह उस युग का उत्सव है, जिसने भाजपा को उसकी विचारधारा की जड़ों से जोड़ा. अमित शाह का राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करना यह दिखाता है कि पार्टी आज भी आडवाणी जी के उस योगदान को कितना महत्वपूर्ण मानती है, जिसकी बुनियाद पर आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर खड़ा है.