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आसमान में होने वाली खगोलीय घटनाएं हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। ऐसी ही एक खास घटना आज रात, यानी 12 अप्रैल को देखने को मिलेगी। इस रात चांद को एक खास नाम दिया गया है—'पिंक मून'। हालांकि नाम से ऐसा लगता है कि चांद गुलाबी रंग का दिखाई देगा, लेकिन असल में यह सामान्य रंग—चांदी या सुनहरे—में ही नजर आएगा। इस पूर्णिमा को खास बनाता है इसका आकार, जो इस साल का सबसे छोटा 'माइक्रोमून' होगा।

क्या होता है माइक्रोमून?

माइक्रोमून उस स्थिति को कहते हैं जब पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा पृथ्वी से अपनी कक्षा के सबसे दूर बिंदु पर होता है। ऐसे में चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा की तुलना में छोटा दिखाई देता है। हालांकि यह अंतर आंखों से आसानी से समझ नहीं आता, लेकिन खगोलीय गणनाओं में इसका विशेष महत्व होता है।

'पिंक मून' नाम क्यों पड़ा?

‘पिंक मून’ का नाम चंद्रमा के रंग से नहीं, बल्कि अप्रैल महीने में खिलने वाले एक विशेष प्रकार के गुलाबी फूल ‘मॉस पिंक’ या ‘फ्लॉक्स’ से प्रेरित है। उत्तरी अमेरिका की मूल जनजातियों ने इस पूर्णिमा का नाम प्रकृति में बदलाव और वसंत के आगमन के प्रतीक के तौर पर रखा था। यह चंद्रमा ईस्टर के कैलेंडर को तय करने में भी अहम भूमिका निभाता है, इसलिए इसे 'पास्कल मून' भी कहा जाता है। इस साल ईस्टर 20 अप्रैल को मनाया जाएगा।

पिंक मून कब और कहां देखें?

स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, पिंक मून 12 अप्रैल की रात 8:22 बजे अपने चरम पर होगा। सूर्यास्त के ठीक बाद चंद्रमा का उदय होगा, इसलिए शाम का समय इसे देखने के लिए सबसे उपयुक्त होगा। पूर्णिमा के कारण चंद्रमा करीब एक दिन पहले और बाद भी लगभग गोल दिखाई देगा।

बेहतर दृश्य के लिए कहां जाएं?

अगर आप इस खूबसूरत दृश्य का पूरा आनंद लेना चाहते हैं, तो ऐसी जगह चुनें जहां कृत्रिम रोशनी कम हो। खुले मैदान, पहाड़ी इलाके या समुद्र किनारे जैसे स्थान सबसे अच्छे होते हैं। शहरी इलाकों में रहने वाले लोग अपनी छत या ऊंची इमारत से पूर्व दिशा की ओर नजर डाल सकते हैं, जहां से चंद्रमा का उदय होता है।

चंद्रमा के साथ नजर आएगा 'स्पाइका' तारा

इस पूर्णिमा के दौरान आप चंद्रमा के पास 'स्पाइका' नाम का एक चमकीला तारा भी देख सकेंगे, जो कन्या नक्षत्र का हिस्सा है। अगर आप 'बिग डिपर' तारा समूह को पहचानते हैं, तो उसके हैंडल के चाप की दिशा में नजर डालकर स्पाइका को खोज सकते हैं।

मध्य और दक्षिण अमेरिका में होगा अद्भुत दृश्य

कुछ खास स्थानों, जैसे मध्य और दक्षिण अमेरिका में रहने वाले लोग इस दौरान एक दुर्लभ खगोलीय घटना 'अधिव्यापन' भी देख सकते हैं, जिसमें चंद्रमा कुछ समय के लिए स्पाइका तारे को ढक लेता है।