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हाल ही में मेक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ऐसी खबर की पुष्टि की है, जिसने वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ध्यान खींच लिया है। देश में स्क्रूवर्म माइयासिस का पहला मानव मामला सामने आया है। ये मामला मेक्सिको के दक्षिणी राज्य चियापास की 77 वर्षीय महिला में पाया गया। यह खबर इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि मेक्सिको अमेरिका का पड़ोसी देश है और अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि ये बीमारी इंसानों से इंसानों में फैल सकती है या नहीं। कोरोना और एंथ्रेक्स जैसी महामारियों के बाद क्या ये नई बीमारी दुनिया के लिए एक और खतरा बन सकती है? आइए इस बीमारी और इसके खतरों को करीब से समझते हैं।
क्या है स्क्रूवर्म माइयासिस
माइयासिस एक परजीवी संक्रमण है। ये मक्खियों के लार्वा (मैगॉट्स) के कारण होता है। ये लार्वा मानव या जानवरों के जीवित ऊतक में प्रवेश कर उसे नुकसान पहुंचाते हैं। न्यू वर्ल्ड स्क्रूवॉर्म (NWS) एक ऐसी मक्खी की प्रजाति है, जो माइयासिस का कारण बनती है। यह मुख्य रूप से पशुधन को प्रभावित करती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में इंसानों को भी अपना शिकार बना सकती है।
NWS आमतौर पर दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका नाम इसके लार्वा की अनोखी बनावट से आया है, जो पेंच (स्क्रू) जैसी दिखती है। लार्वा के शरीर पर पीछे की ओर उभरे कांटे होते हैं, जो इसे ऊतक में गहराई तक प्रवेश करने में मदद करते हैं।
मेक्सिको के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चियापास की मरीज की हालत स्थिर है और उसे एंटीबायोटिक उपचार दिया जा रहा है।
बता दें कि स्क्रूवर्म माइयासिस मुख्य रूप से पशुओं की बीमारी है। मगर ये इंसानों को भी प्रभावित कर सकती है। मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में, जहां पहले इस बीमारी को नियंत्रित किया गया था, अब फिर से इसके केस बढ़ रहे हैं। मेक्सिको का ये नया मामला इसी ओर इशारा करता है।