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Up Kiran, Digital Desk: पेंटागन ने हाल ही में 19 देशों के साथ 3.5 अरब डॉलर का ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसे अब तक का सबसे बड़ा AMRAAM (AIM-120) मिसाइल समझौता माना जा रहा है। इस समझौते के तहत, इज़राइल, यूक्रेन और ब्रिटेन जैसे महत्वपूर्ण देशों सहित कुल 19 देशों को AIM-120 उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की आपूर्ति की जाएगी। गौरतलब है कि यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक स्तर पर, खासकर मध्य पूर्व में, तनाव बढ़ा हुआ है।

अमेरिका अलग अलग संघर्षों में इस मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है। सीरिया और इराक में ड्रोन हमलों का जवाब देने, ईरानी हमलों से इज़राइल की रक्षा करने और दुश्मन के ड्रोन को नष्ट करने के लिए AMRAAM का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है। यह मिसाइल खराब मौसम में भी सटीक हमला कर सकती है, जिससे इस मिसाइल का सामरिक महत्व बढ़ गया है।

हाल ही में अमेरिका ने मिस्र को AMRAAM मिसाइलें देने का फैसला किया, जिनकी आपूर्ति वहाँ पहले कभी नहीं की गई थी। अब तक, मिस्र के F-16 विमानों को AIM-7 स्पैरो और AIM-9 साइडवाइंडर जैसी अपेक्षाकृत कम शक्ति वाली मिसाइलों पर निर्भर रहना पड़ता था। AMRAAM अब अपनी वायु शक्ति बढ़ाएगा।

हाल के वर्षों में AMRAAM मिसाइल की माँग में भारी वृद्धि हुई है। अब तक हज़ारों मिसाइलों का उत्पादन किया जा चुका है और 5,000 से ज़्यादा का परीक्षण किया जा चुका है। हालाँकि, यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में संघर्ष और वैश्विक तनाव के कारण, भंडार तेज़ी से घट रहा है। इसलिए, अब उत्पादन में तेज़ी से वृद्धि के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है।

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