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सरकार ने ग्राहकों को चीन से आने वाली घटिया गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सस्ते आयात से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। मगर इससे एक समस्या पैदा हो गई है। सरकार के इस फैसले से इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार ने एल्युमीनियम, स्टील और तांबे जैसी वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) लागू किया है। इससे ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल उपकरण कंपनियों के लिए भी समस्या पैदा हो रही है। QCO का प्रयोग कुछ विशेष प्रकार की धातुओं और प्लास्टिक पर भी किया गया है। इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में किया जाता है। इससे कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि इससे भारत अन्य देशों से पीछे रह जाएगा।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के अधिकारी ने बताया कि चीन, जापान और दक्षिण कोरिया समेत पूरी दुनिया से सामान आता है। तांबे या एल्युमीनियम जैसी चीजों पर QCO लागू करने से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पर भी प्रभाव पड़ता है। इसलिए, माल प्राप्त करना कठिन हो गया है। कंपनियों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सामान पहले से ही अनिवार्य पंजीकरण आदेश (सीआरओ) योजना 2 के अंतर्गत आते हैं। उनका निरीक्षण और प्रमाणन किया जाता है। इसलिए, इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में प्रयुक्त सामग्री को QCO से बाहर रखा जाना चाहिए।

आपूर्ति श्रृंखला की समस्याएं

इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का कहना है कि क्यूसीओ उन चीजों के लिए आवश्यक है जिनका उपयोग अधिक मात्रा में होता है और जिन्हें अधिक शुद्धिकरण की आवश्यकता नहीं होती। इसमें एल्युमिनियम और स्टील शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए बहुत उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल की आवश्यकता होती है। ये चीजें विशेष और तकनीकी रूप से जटिल हैं। वर्तमान में भारत में ऐसे सामान की कोई विश्वसनीय आपूर्ति नहीं है।

दरअसल, चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के कारण भारत में QCO आवश्यक हो गया है। भारत को डर है कि चीन अपना सस्ता माल भारत भेज सकता है। एक अन्य अधिकारी के अनुसार, क्यूसीओ के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कई वस्तुएं मोबाइल फोन और अन्य गैजेट्स के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन गैजेट्स का निर्माण भारत में उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत किया जा रहा है। अच्छी गुणवत्ता के लिए इन वस्तुओं का आयात करना पड़ता है। भारत में निर्मित वस्तुओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है।

समस्या क्या है?

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि क्यूसीओ के कार्यान्वयन से वस्तुओं और उत्पादन में रुकावट आ सकती है। उनका कहना है कि सरकार के फैसले से आपूर्ति श्रृंखला बाधित होगी, उत्पादन लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा और भारत में निर्मित वस्तुओं को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में शामिल करने में कठिनाइयां पैदा होंगी। आईसीईएन ने इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए छूट मांगी है। उद्योग के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि इन वस्तुओं का आयात विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाता है और उनकी मात्रा QCO के अधीन वस्तुओं की तुलना में बहुत कम है।