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Up Kiran, Digital Desk: कहते हैं जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। इस कहावत को सच कर दिखाया है बिहार के एक दूल्हे ने, जिसने अपनी दुल्हन को लाने के लिए बाढ़ की लहरों को भी मात दे दी। प्यार और प्रतिबद्धता की यह असाधारण मिसाल उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में देखने को मिली, जहां बिहार से आई एक बारात नावों पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित गांव पहुंची। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण जब सड़कें पानी में विलीन हो गईं, तो इस प्राकृतिक आपदा ने एक पारंपरिक विवाह समारोह को एक ऐसे यादगार और रोमांचक पल में बदल दिया, जिसे देख गांव वाले भी दंग रह गए।

बिहार के बक्सर जिले के नैनीजोर लाल डेरा गांव के रहने वाले राजेश कुमार का विवाह बुधवार को बलिया के ब्यासी गांव में होना तय हुआ था। शादी की तैयारियां अपने पूरे उफान पर थीं, तभी इस क्षेत्र में गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाया और भीषण बाढ़ आ गई, जिससे बलिया जाने वाले सभी रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए।

बाढ़ के साये में शादी का फैसला दूल्हे के पिता, कमलेश राम ने संवाददाताओं को बताया, “ऐसा लगा जैसे बाढ़ ने शादी पर ग्रहण लगा दिया हो। लेकिन शादी को रद्द करना हमारे लिए कभी कोई विकल्प नहीं था। इसलिए, हमने नाव से बारात ले जाने का दृढ़ फैसला किया।”

बुधवार को, यह अनोखी बारात गंगौली गांव के पास तटबंध के निकट से अपनी मंजिल की ओर रवाना हुई। पारंपरिक पोशाक और साफा पहने दूल्हा राजेश एक रंग-बिरंगी सजी हुई नाव पर विराजमान था, जबकि लगभग 25 रिश्तेदार और मेहमान दो अन्य नावों में उसके साथ थे। इस अनूठी बारात में भले ही आधुनिक डीजे या बैंड-बाजे का शोर नहीं था, लेकिन गंगा की लहरों की छपछपाहट और नाविकों के पारंपरिक गीतों ने इस आयोजन में एक अनोखा और मधुर आकर्षण जोड़ दिया। बारातियों का उत्साह भी चरम पर था और उन्होंने ढोलक की जगह तालियां बजाकर पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया।

ग्रामीणों के लिए बना कौतूहल का विषय

नदी के किनारे उत्सुक ग्रामीणों की भीड़ इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए जमा हो गई। कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन से इस खास बारात की तस्वीरें और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिए, जिसके बाद यह शादी और उसकी तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं और पूरे इलाके में चर्चा का केंद्र बन गईं।

दूल्हे के पिता कमलेश राम ने आगे कहा, “शादी की तारीख बहुत पहले ही तय हो गई थी। हमने स्थिति का सामना करने और इसे स्वीकार करने का फैसला किया। मां गंगा की लहरों ने इस शादी को वास्तव में अविस्मरणीय बना दिया है।”यह घटना इस बात का एक जीवंत प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प, प्रेम और पारिवारिक एकता के आगे कोई भी बाधा, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, टिक नहीं सकती।

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