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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना के खम्मम जिले में सरकारी चावल की मिलिंग में हो रही देरी पर जिला कलेक्टर मुजम्मिल खान ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने जिले के सभी राइस मिलर्स को साफ निर्देश दिए हैं कि वे समय पर कस्टम मिल्ड राइस (CMR) यानी सरकार द्वारा दिए गए धान की कुटाई के बाद का चावल नागरिक आपूर्ति निगम (Civil Supplies Corporation) को जमा कराएं, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला: सरकार किसानों से खरीदे गए धान को मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को देती है। मिलर्स को इस धान से चावल निकालकर वापस सरकार को जमा कराना होता है, जिसे बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) यानी गरीबों को राशन में बांटा जाता है। खम्मम जिले में पिछले खरीफ (2023-24) सीजन के चावल को जमा कराने में कई मिलर्स देरी कर रहे हैं।

कलेक्टर ने बैठक में दिए कड़े निर्देश: बुधवार को जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी, डीएम और राइस मिलर्स के साथ हुई एक बैठक में कलेक्टर ने इस देरी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "जिन मिलर्स ने अभी तक सरकार के साथ मिलिंग का एग्रीमेंट भी नहीं किया है, उन्हें फौरन ऐसा करना होगा। जो मिलर्स समय पर चावल नहीं देंगे, उनकी मिलों को जब्त कर लिया जाएगा और उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।"

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हर मिल पर जाकर स्टॉक की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि धान की हेराफेरी न हो।

नए सीजन की भी तैयारी शुरू: कलेक्टर ने आने वाले खरीफ सीजन (2024-25) की तैयारियों का भी जायजा लिया और अधिकारियों से कहा कि किसानों से धान की खरीद के लिए सभी जरूरी इंतजाम, जैसे बारदाने (जूट के बोरे) और परिवहन की व्यवस्था, समय पर पूरी कर ली जाए। उन्होंने यह भी साफ किया कि इस साल भी मिलर्स को समय पर ही चावल जमा कराना होगा, इसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है कि गरीबों तक राशन का चावल समय पर पहुंचे और सरकारी योजनाओं में किसी तरह की कोई रुकावट न आए।