img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति हमेशा से एक अलग पहचान रखती है, और इस पहचान का प्रमुख चेहरा बाहुबली नेता अनंत सिंह रहे हैं। हालांकि, वर्तमान में वह दुलारचंद यादव हत्याकांड में जेल में बंद हैं, फिर भी उनकी मौजूदगी का असर मोकामा की सियासत पर पूरी तरह से कायम है। दुलारचंद यादव की हत्या के बाद यहां की राजनीति में उबाल आ गया है, और इस उबाल में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने एक सियासी कदम उठाया है। ललन सिंह ने मोकामा की जनता से कहा कि “यहां के हर व्यक्ति में अनंत सिंह का जुनून होना चाहिए।"

अनंत सिंह की राजनीतिक विरासत पर ललन सिंह ने एक नया मोड़ देते हुए मोकामा में लोगों से अपील की कि वे अनंत सिंह की तरह चुनाव लड़ें, और इसी जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरें जैसे उनका नेता उतरता था। ललन सिंह का कहना था कि अनंत सिंह को भारी मतों से जीत दिलाकर उनके विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दें। उनका यह बयान मोकामा में राजनीतिक माहौल को और गर्म कर गया है, और अब यह सवाल उठता है कि क्या ललन सिंह की यह रणनीति कारगर साबित होगी?

मोकामा में अनंत सिंह का प्रभाव सिर्फ एक नेता तक सीमित नहीं है, बल्कि वे एक प्रतीक बन गए हैं। "छोटे सरकार" के नाम से मशहूर अनंत सिंह ने राजनीति की धारा को अपनी दिशा दी थी, और अब जबकि वे जेल में हैं, मोकामा की राजनीति में उनका नाम आज भी बड़े सम्मान और ताकत से लिया जाता है। यहां तक कि 2020 में जब वह जेल में थे, तब भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाग लिया और जीत हासिल की। यह जीत केवल एक व्यक्ति की नहीं थी, बल्कि उस जनता की जीत थी जिसने सलाखों के पीछे भी अपने नेता को नकारा नहीं किया।

अब जब अनंत सिंह मोकामा से बाहर हैं, उनकी अनुपस्थिति ने यहां की राजनीति में एक खालीपन पैदा कर दिया है, जिसे भरने की कोशिश जदयू नेता ललन सिंह कर रहे हैं। ललन सिंह ने इसे केवल एक चुनावी चुनौती नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संघर्ष बना दिया है। उन्होंने अपनी जनसभाओं में लोगों से अपील की कि वे अनंत सिंह के जैसे ही चुनावी मैदान में उतरें। उनका यह बयान किसी साधारण चुनावी रणनीति से कहीं अधिक है, यह उन लोगों को लुभाने का प्रयास भी है जो अनंत सिंह को सिर्फ एक बाहुबली के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रतीक के रूप में देख रहे हैं।