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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के औद्योगिक विकास को एक नई रफ्तार मिलने वाली है। राज्य सरकार ने नेल्लोर जिले में रामायपटनम पोर्ट के पास भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) को एक विशाल ग्रीनफील्ड रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के लिए 6,000 एकड़ जमीन आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। यह एक ऐतिहासिक औद्योगिक परियोजना है, जिसे सफल बनाने के लिए सरकार ने एक अभूतपूर्व प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा की है, जिसमें बीस वर्षों में कुल पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत तक कवर किया जाएगा।

क्या है यह महा-परियोजना: देश की सरकारी ऊर्जा कंपनी BPCL इस रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में लगभग 96,862 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने की योजना बना रही है। यह BPCL के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है। इस कारखाने की क्षमता सालाना 90 से 120 लाख टन होगी, जिससे भारत की रिफाइनिंग क्षमता को मजबूती मिलेगी और देश-विदेश में पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।

इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य 2025 में शुरू होने की उम्मीद है और जनवरी 2029 तक इसके पूरी तरह चालू हो जाने का लक्ष्य रखा गया है। कुल 6,000 एकड़ भूमि में से 3,352 एकड़ रिफाइनरी सुविधाओं के लिए और 1,127 एकड़ क्षेत्र ग्रीन बेल्ट यानी हरियाली के लिए समर्पित होगा, जिससे पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा सके।

आंध्र प्रदेश को क्या मिलेगा: यह प्रोजेक्ट सिर्फ BPCL के लिए ही नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश के लिए भी एक सोने की खान साबित हो सकता है। अधिकारियों का अनुमान है कि यह रिफाइनरी अगले 15 वर्षों में टैक्स और अन्य संबंधित आय के माध्यम से राज्य के खजाने में लगभग 87,558 करोड़ रुपये का योगदान देगी। इसके अलावा, यह परियोजना रामायपटनम तट के किनारे एक नया औद्योगिक और पेट्रोकेमिकल गलियारा बनाएगी, जिससे लॉजिस्टिक्स और इससे जुड़े दूसरे उद्योगों को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का अभूतपूर्व सहयोग: आंध्र प्रदेश की औद्योगिक विकास नीति (2024–29) के तहत, BPCL को विशेष रूप से तैयार किए गए प्रोत्साहन दिए जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार ने कुल निवेश का 75 प्रतिशत के बराबर वित्तीय सहायता देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह मदद किश्तों में दी जाएगी, जैसे-जैसे प्रोजेक्ट का काम पूरा होता जाएगा। परियोजना की प्रगति पर नजर रखने के लिए एक उच्च-स्तरीय निगरानी समिति भी बनाई गई है।

BPCL का यह निवेश भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश अपनी रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल क्षमता का विस्तार कर रहा है, ताकि बढ़ती घरेलू खपत को पूरा किया जा सके और निर्यात के अवसरों का भी लाभ उठाया जा सके।