Up Kiran, Digital Desk: यह खबर सिर्फ एक दुखद घटना नहीं है यह उस पल की कहानी है जब जीवन का सबसे बड़ा उत्सव एक पल में गहरे शोक में बदल गया। बंगला नगर में प्रजापत परिवार के घर में शादी की तैयारियाँ पूरे ज़ोरों पर थीं। घर के मुखिया पूनमचंद प्रजापत अपने बेटे पंकज की पच्चीस नवंबर को होने वाली शादी के लिए कितने उत्साहित थे इसकी गूँज पूरे मोहल्ले में सुनाई दे रही थी।
ढोल-नगाड़ों के बीच अचानक गिरा जीवन का आधार
पूरे घर में मांगलिक कार्यक्रम चल रहे थे। रिश्तेदार मेहमान सब मिलकर खुशियाँ मना रहे थे। डीजे की धुन पर माहौल पूरी तरह से उत्साह और रंग से भरा था। खुद पूनमचंद भी मंच पर सबके साथ जमकर नाच रहे थे। उन्हें देखकर कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था कि कुछ ही पलों में यह हँसता-खेलता परिवार बिखर जाएगा। नाचते-नाचते वह अचानक लड़खड़ाकर गिर पड़े।
परिवार और आस-पड़ोस के लोग बिना देर किए उन्हें पीबीएम अस्पताल ले भागे। पर अफ़सोस डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंच पर अपनी सालियों और परिवार के सदस्यों के बीच पूनमचंद बड़े जोश से डांस कर रहे थे। डांस खत्म होने के बाद वह एक कुर्सी पर बैठे। बैठते ही उन्होंने बेचैनी और घबराहट महसूस होने की शिकायत की। कुछ ही मिनटों में उनकी तबियत इतनी बिगड़ गई कि मामला हाथ से निकल गया।
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