
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश सरकार की नई और बेहद सख्त आबकारी नीति ने कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में शराब के कारोबार पर गहरा असर डाला है। खासकर रायचूर, अनंतपुर और कुरनूल जैसे आंध्र प्रदेश से सटे सीमावर्ती जिलों के बार और शराब की दुकानें अब ग्राहकों के बिना सूनी पड़ी हैं, जिससे वहां के व्यापारियों में चिंता की लहर है।
आंध्र प्रदेश ने अपनी शराब नीति को इतना कड़ा कर दिया है कि पड़ोसी राज्य से शराब खरीदने या वहां से कर्नाटक आने वाले ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। आंध्र प्रदेश में शराब की कीमतें आसमान छू रही हैं और खरीद की मात्रा भी बेहद सीमित कर दी गई है – एक व्यक्ति केवल तीन बोतलें या दो कार्टन बीयर ही खरीद सकता है। इसके ऊपर, राज्य सरकार ने सीमा पार से शराब लाने पर कड़ी पाबंदी लगा रखी है और निगरानी भी बढ़ा दी है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में शराब की तस्करी भी लगभग रुक गई है।
पहले, आंध्र प्रदेश के कई लोग सस्ती शराब खरीदने और ज़्यादा मात्रा में स्टॉक करने के लिए कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में आते थे। यह चलन रायचूर, गुंटकल (अनंतपुर जिले में) और आसपास के क्षेत्रों में खासकर देखा जाता था। कर्नाटक में शराब की कीमतें अपेक्षाकृत कम थीं और खरीद पर इतनी सख़्ती नहीं थी। लेकिन अब आंध्र प्रदेश की कड़ी निगरानी और सख्त नियमों के चलते, कर्नाटक के इन सीमावर्ती क्षेत्रों में बार और रेस्तरां ग्राहकों के बिना वीरान पड़े हैं।
इससे न केवल शराब विक्रेताओं को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि होटलों और रेस्तरां का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि उनके ग्राहक कम हो गए हैं। कई छोटे व्यवसायों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों की आजीविका पर भी इसका सीधा असर पड़ा है।
यह पहली बार नहीं है जब आंध्र प्रदेश की नीति ने कर्नाटक के शराब कारोबार को प्रभावित किया है। पहले भी आंध्र प्रदेश की शराब बंदी नीति ने सीमाई क्षेत्रों पर असर डाला था, लेकिन मौजूदा नीति ने हालात को और ज़्यादा गंभीर बना दिया है। कर्नाटक के सीमावर्ती शराब कारोबारी अब ग्राहकों का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश की कड़ी आबकारी नीति के चलते उनका भविष्य अधर में लटका हुआ दिख रहा है।
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