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Up Kiran, Digital Desk: जब भी भारतीय क्रिकेट टीम में किसी नए सलामी बल्लेबाज की जगह खाली होती है, तो एक नाम हमेशा चर्चा में आता है - अभिमन्यु ईश्वरन. घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज को हर कोई टीम इंडिया की सफेद जर्सी में देखना चाहता है. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर है. जब-जब उन्हें खुद को साबित करने का सबसे बड़ा मौका मिलता है, वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाते.

दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ चल रहे दूसरे अनौपचारिक टेस्ट मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ. यह मैच ईश्वरन के लिए किसी 'अग्निपरीक्षा' से कम नहीं था, लेकिन वह इस परीक्षा में बुरी तरह से फेल हो गए. उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो कोई भी बल्लेबाज अपने बुरे सपने में भी नहीं सोचना चाहेगा.

दोनों पारियों में 'शून्य' पर आउट!

वायनाड में खेले जा रहे इस महत्वपूर्ण मुकाबले में अभिमन्यु ईश्वरन दोनों ही पारियों में अपना खाता तक नहीं खोल सके. जी हां, आपने सही पढ़ा. वह दोनों पारियों में 'शून्य' पर आउट होकर पवेलियन लौट गए.

पहली पारी: भारत 'ए' की पहली पारी में वह सिर्फ 10 गेंदों का सामना कर सके और बिना कोई रन बनाए आउट हो गए.

दूसरी पारी: जब उनसे दूसरी पारी में एक जुझारू प्रदर्शन की उम्मीद थी, तब भी उन्होंने निराश किया और सिर्फ 2 गेंदें खेलकर शून्य पर अपना विकेट गंवा दिया.

किसी भी बल्लेबाज के लिए एक ही मैच की दोनों पारियों में शून्य पर आउट होना (जिसे क्रिकेट की भाषा में 'पेयर' कहते हैं) एक बहुत बड़ी नाकामी मानी जाती है. और ईश्वरन के लिए यह नाकामी एक बहुत ही गलत समय पर आई है.

क्यों था यह मैच इतना ज़रूरी?

यह सिर्फ एक सामान्य 'ए' टीम का मैच नहीं था. भारतीय टीम जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल दौरे पर जाने वाली है. माना जा रहा था कि इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उस दौरे के लिए टीम में जगह मिल सकती है. ईश्वरन भारतीय टेस्ट टीम के दरवाजे पर लंबे समय से दस्तक दे रहे हैं. यह उनके पास चयनकर्ताओं को यह दिखाने का सुनहरा मौका था कि वह विदेशी पिचों पर भी रन बना सकते हैं.

लेकिन इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद, उन्होंने अपने टीम इंडिया में चुने जाने की संभावनाओं को और भी कमजोर कर लिया है. 

अब खत्म हो गया है मौकाक्या?

अभिमन्यु ईश्वरन की प्रतिभा पर किसी को शक नहीं है. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन बड़े और निर्णायक मौकों पर बार-बार फेल होना अब उनके करियर पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है. क्रिकेट में सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, बल्कि दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता भी देखी जाती है, और ईश्वरन इसी मोर्चे पर बार-बार चूक रहे हैं.

अब यह देखना होगा कि चयनकर्ता उनके घरेलू प्रदर्शन को तवज्जो देते हैं या इस बड़ी नाकामी को. लेकिन एक बात तो तय है, इस 'पेयर' ने उनके टीम इंडिया तक पहुंचने के रास्ते को और भी लंबा और मुश्किल बना दिया है.