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Up kiran,Digital Desk : आज भारतीय राजनीति के लिए एक बहुत दुखद दिन है। कांग्रेस के सबसे पुराने और सम्मानित नेताओं में से एक, और देश के पूर्व गृह मंत्री रह चुके शिवराज पाटिल अब हमारे बीच नहीं रहे। 90 साल की उम्र में उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर में अपने घर 'देवघर' में आखिरी सांस ली। वो काफी समय से बीमार चल रहे थे, और घर पर ही उनका इलाज हो रहा था।

जैसे ही उनके निधन की खबर आई, मानो राजनीति की दुनिया में एक खामोशी छा गई। उनकी पार्टी, कांग्रेस, से लेकर सत्ता में बैठे नेताओं तक, हर किसी ने उनके जाने पर गहरा दुख जताया।

एक लंबा और बेदाग राजनीतिक सफर

शिवराज पाटिल जी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने विधायक से लेकर सांसद तक, और फिर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर से लेकर लोकसभा के स्पीकर तक की कुर्सी संभाली। केंद्रीय मंत्री के तौर पर देश की सेवा की। उनका पूरा जीवन लोगों की भलाई और देश की सेवा में ही गुज़रा। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें कई बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।

जब PM मोदी ने साझा की पुरानी तस्वीर...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवराज पाटिल जी को याद करते हुए उनके साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा की। उन्होंने कहा, "शिवराज पाटिल जी के जाने से बहुत दुख हुआ। वो एक अनुभवी नेता थे जिनसे पिछले कुछ सालों में मेरी कई बार बात हुई। कुछ महीने पहले ही वो मेरे घर भी आए थे। इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।"

कांग्रेस ने कहा - "यह हमारी पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है"

  • राहुल गांधी ने उन्हें याद करते हुए कहा कि उनका जाना पार्टी के लिए एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि देश के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हमने एक सम्मानित और वरिष्ठ साथी खो दिया, जिनके साथ मेरी बहुत प्यारी यादें थीं। वो एक ऐसे राजनेता थे जिनकी सब इज़्ज़त करते थे।"

सिर्फ पार्टी ही नहीं, हर किसी ने उन्हें याद किया

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने देश की तरक्की में बड़ा योगदान दिया।
  • NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "देश ने आज एक बहुत ही संस्कारी नेता खो दिया है। शरद पवार जी और उन्होंने साथ में काम किया था।"
  • भाजपा सांसद अरुण गोविल ने उन्हें एक "सज्जन व्यक्ति" बताते हुए कहा, "उनमें दिखावे वाली राजनीति नहीं थी। वो जो सोचते थे, वही करते थे।"

शिवराज पाटिल जी का जाना भारतीय राजनीति के एक सुनहरे और शांत युग का अंत है। वो हमेशा अपनी सादगी, ईमानदारी और धैर्य के लिए याद किए जाएंगे।